कुमार सावन की रिपोर्ट:-लातेहार
मंडल डेम एवं उससे जुड़ी उम्मीदों के शिलान्यास के पूरे हुये एक साल
बहुप्रतीक्षित मंडल डेम की जीर्णोद्धार के लिए पिछले साल
5 जनवरी 2019 को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था,दुबारा शिलान्यास…पर अभी तक नही रखी गई है एक भी ईंट……
लातेहार/बरवाडीह:-कई कारणों से लगा तरह बंद पड़ी इस परियोजना का 48 वर्ष पूर्व जब उत्तर कोयल जल विद्युत परियोजना (मंडल डैम) की बुनियाद रखी गयी थी,तब यह किसी को अहसास तक नहीं था कि इसके जीर्णोद्धार के लिए पुन: देश के प्रधानमंत्री को शिलान्यास करना पड़ेगा।लेकिन दुबारा शिलान्यास के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
बताते चले कि 1970 में इस बहुप्रतीक्षित परियोजना की अनुमानित लागत 30 करोड़ थी,44000 एकड़ सिचाई क्षेत्र, पेयजल,औधोगिक संस्थानों के जल आपूर्ति के साथ साथ 24 मेगावाट जल विधुत उत्पादन करने की योजना थी,किसी कारणवाश योजना में देरी के कारण वर्ष 1985 में पुनरीक्षित कर प्राक्कलित राशि को 439 करोड़ कर दिया गया,जो बाद में बड़ कर 581 करोड़ हो गया।
लेकिन 5 जनवरी 2019 को दुबारा शिलान्यास होने के बाद वर्तमान परिपेक्ष में प्राक्कलित राशि लगभग 1600 करोड़ कर दिया गया।
अब तो झारखण्ड में डबल इंजन की सरकार भी नही है, क्या होगा इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का,क्या केंद्र व राज्य सरकारें समन्वय बना कर इस परियोजना का पूर्ण करायेंगे या यूही खिंचतान चलती रहेगी।
लेकिन विकास की आशा में पीस तो जनता रही है,यहां राजनीतिक इक्षाशक्ति एवं विभागीय निष्क्रियता साफ दिखती है।