भा रा पत्रकार महासंघ जिलाध्यक्ष महेश पाण्डेय ने सूबे के मुखिया को पत्र भेज पत्रकारों की सुरक्षा की मॉग।

प्रेस विज्ञप्ति।

भा रा पत्रकार महासंघ जिलाध्यक्ष महेश पाण्डेय ने सूबे के मुखिया को पत्र भेज पत्रकारों की सुरक्षा की मॉग।

चौथे स्तम्भ के सम्मान व उत्पीड़न की पुनरावृत्ति न हो के लिए जिला प्रशासन जारी करे गाईडलाइन।-महेश पाण्डेय।
DIGITAL BHARAT NEWS 24x7LiVE– सह- संपादक- संतोष सिंह
ओबरा(सोनभद्र) भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने मंगलवार को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित स्थानीय जिला प्रशासन को पत्र भेज पत्रकारों की सुरक्षा की मॉग की।महासंघ के जिलाध्यक्ष महेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि सोनभद्र के समस्त मीडियाकर्मियों की सुरक्षा हेतु आवश्यक योजना तय कराई जाए ताकि कवरेज के दौरान पत्रकारों को किसी भी प्रकार की जातीय या उत्पीड़न का शिकार न बनना पड़े।

साथ ही लिखा कि खासतौर पर पुलिस महकमें को हिदायत दी जानी चाहिए कि देश के चौथे स्तम्भ के साथ सामंजस्यपूर्ण परिवेश को स्थापित करें ताकि समाज को आइना दिखाने वाले पत्रकारिता जगत नियमित प्रकाशन को गति दे सके, जिससे पत्रकार जनता की समस्याओं और सरकार की विकास योजनाओं को निर्भय होकर प्रसारित कर सकें।तभी सतत संयुक्त सहभागिता एक स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज के लिए सृजनात्मक संदेश सिद्ध हो सकेगी। रेनुकुट नगर के पत्रकार अजीत कुशवाहा के साथ स्थानीय थाने के तीन पुलिसकर्मी का बेरहमी से पुलिसिया धौंस दिखाते हुए पीटना अत्यन्त निन्दनीय है। इस दर्दनाक घटना में पत्रकार अजीत का हाथ भी फैक्चर हुआ।

वहीं रेनुकूट के पत्रकार अजय भार्गव को भी पिपरी पुलिस द्वारा अमानवीय एवं अभद्र व्यवहार किया गया। जब ऐसे पुलिसकर्मियों की कार्य प्रणाली एक पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने की हो तो पुलिस प्रशासन की छवि आम जनमानस के लिए और असहज व घातक हो सकती है।मानवीय मूल्यों से परे वर्दी का नाजायज फायदा उठाने वाले तीनों पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक ने निलम्बित किया।इस तरह हो रहे पत्रकारों का उत्पीड़न कदापि बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।

ऐसी बर्बर घटना की पुनरावृति न हो।उत्तर प्रदेश के अत्यंत पिछड़े क्षेत्र सोनभद्र में मीडिया की सक्रियता से ही सरकार की विकास योजनाओं को तेजी से गति मिल सकेगी। इसके लिए जिला प्रशासन की पहल पर पत्रकारों व पुलिस महकमें की सामूहिक बैठक समय-समय पर कराई जाए और प्रशासनिक स्तर से नियम संगत आवश्यक दिशा निर्देश जारी हों।जिससे भविष्य में पत्रकार अपने को असुरक्षित महसूस न करें।

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