सीआईएसएफ का ओबरा में होना गर्व की बात-एच.एस.शर्मा

सीआईएसएफ का ओबरा में होना गर्व की बात-एच.एस.शर्मा

डिजिटल भारत न्यूज 24×7 LIVEसंवाददाता-

ओबरा सोनभद्र स्थानीय तापीय परियोजना की सुरक्षा में लगे सीआईएसफ फायर विंग के जवानों द्वारा शुक्रवार को कमांडेंट हृदय शंकर शर्मा के निर्देशन में मासिक मॉक डील किया गया। इस दौरान हुई पत्रकार वार्ता में कमांडेंट श्री शर्मा ने बताया कि सीआईएसएफ का गठन भारतीय संसद के अधिनियम के तहत 10 मार्च 1969 को तीन बटालियन के साथ हुआ।

एक अनूठे बल के रूप में वर्तमान समय में अपने कर्तव्य परायण के बलबूते सीआईएसएफ बल एक बहुमुखी प्रतिभा वाला साबित होते हुए देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित प्रमुख संस्थाओं जैसे नाभिकीय संस्थान, अंतरिक्ष संस्थान, हवाई अड्डा,समुद्री बंदरगाह, बिजली संयंत्र,मेट्रो रेल, कोयला खदानें, सरकारी भवन तथा विरासत स्मारकों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। साथ ही अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए देश के वीआईपी सुरक्षा आपदा प्रबंधन तथा हैती में संयुक्त राष्ट्र की सशस्त्र पुलिस इकाई तथा नेपाल के काठमांडू दूतावास में भी सुरक्षा प्रदान कर रहा है। बताया कि सीआईएसएफ बल का मुख्यालय नई दिल्ली में है, तथा यह बल महानिदेशक के अधीन कार्यरत है। वही ओबरा तापीय विद्युत परियोजना में बल के सुरक्षा शाखा की तैनाती 16 अप्रैल सन् 1984 में तथा अग्नि शाखा की तैनाती 14 अप्रैल 1989 में की गयी। वर्तमान समय में परियोजना सहित महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा में 420 जवान तथा अग्नि सुरक्षा में 132 जवान कार्यरत हैं। ओबरा में तैनाती के पश्चात से ही सीआईएसएफ बल के जवान अपने कर्तव्य का संचालन सुचारु रुप से कर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि सीआईएसएफ इकाई ओबरा अपनी सुरक्षा जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता का परिचय देते हुए वर्तमान समय के कोरोना महामारी के दौरान गरीबों व जरूरतमंदों के बीच खाद्यान्न वितरण,ओबरा बाजार तथा कॉलोनी परिसर में सैनिटाइजेशन व व्यापक पैमाने पर पौधरोपण का कार्यक्रम भी करता रहता है। कहा कि सीआईएसएफ इकाई ओबरा के दायित्व निर्वाहन में स्थानीय परियोजना प्रबंधन, पुलिस प्रशासन, मीडिया तथा नागरिकों का सहयोग अतुलनीय रहता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सभी का सकारात्मक सहयोग मिलता रहेगा। इस अवसर पर उप कमांडेंट सनत कुमार पटेल, इंस्पेक्टर आरके सिंह, महावीर सिंह, शशि कला, आरसी मिश्रा, यूबी मिश्रा, कुलदीप कुमार तथा परियोजना के लिपिक आशीष मसीह आदि लोग मौजूद रहे।

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