धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन पत्थरों का परिवहन, विभाग गहरी निद्रा में

धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन पत्थरों का परिवहन, विभाग गहरी निद्रा में

डिजिटल भारत न्यूज 24×7 LIVE– संवाददाता- दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)

ओबरा सोनभद्र बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे अवैध खनन को लेकर स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। जिसके कारण क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। अवैध खनन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की काईवाई नहीं करने के कारण भू-माफियाओं के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे है। अवैध खनन को रोकने के लिए किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जिसके कारण जगह-जगह पर अवैध खनन का कारोबार चल रहा है।क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे अवैध खनन के वाहन अधिकारियों के सामने गुजर जाते हैं लेकिन कभी कोई कार्रवाई होती नहीं दिखाई देती। जिसके चलते भू-माफियाओं के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे है। क्षेत्र में कई दर्जनों वाहन खनन पदार्थों से भरे निकलते हैं और अधिकारी आंखें मुंदकर बैठे है। अधिकारियों की मिलीभगत के कारण प्रतिदिन दर्जनों वाहन निकल रहे है।जहां एक तरफ भ्रष्टाचार के मामले में सीएम योगी लगातार कार्यवाही कर रहे हैं वहीं उनके चहेते अफसरों में माने जाने वाले सोनभद्र के जिलाधिकारी भी भ्रष्टाचार को लेकर अब तक पचास से ज्यादा कर्मचारियों पर कार्यवाही कर चुके हैं।वावजूद इसके भ्रष्टचार थमने का नाम नहीं ले रहा।ऐसा ही भ्रष्टाचार का एक मामला इन दिनों प्रशासन के लिए गले की फांस बनी हुई है। इस मामले में लाभ के लिए कैसे अधिकारी नियमों को ताख पर रखकर काम करते हैं, यह दर्शाता है।साथ ही भ्रष्टाचार के इस मामले को देखकर यह भी समझा जा सकता है कि सरकार चाहे किसी की भी हो, भ्रष्टाचारियों का एक ही लक्ष्य होता है खुद का लाभ । प्रशासन को परेशान कर देने वाला यह मामला खनन विभाग से जुड़ा है । भ्रष्टाचारियों के कारनामे से जिला प्रशासन खुद स्तब्ध है।दरअसल बिल्ली मारकुंडी में जिले के अपर जिलाधिकारी व खनन प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह अवैध खनन पर अंकुश लगाने को लेकर लगातार काम कर रहे हैं । इसी दौरान उन्हें दो बड़े मामले की जानकारी हुई । पहले तो अपर जिलाधिकारी ने मामले को सामान्य तरीके से लेकर अपनी जांच को आगे बढ़ाया लेकिन जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ा भ्रष्टाचार का मामला भी ऐसे खुलना शुरू हुआ कि प्रशासन भी स्तब्ध रह गया । जिसके बाद एडीएम में पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी को दी।खनन माफिया कुछ अधिकारियों के साथ साँठगाँठ कर फर्जी दस्तावेज के सहारे गवर्नमेंट ग्रांट की जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम करा लिया।और खनन माफिया सरकार को धोखा देकर एक बार फिर अधिकारियों की ही मिलीभगत से खनन का पट्टा भी करा लिया । इतना ही नहीं बेखौफ खनन माफिया और अधिकारियों का यह सिंडिकेट सालों से अवैध खनन कर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि पहला मामला सोनभद्र के बिल्ली-मारकुंडी इलाके में सामने आया है। जहां 2012 में सरकार ने भूमिहीनों को स्थापित करने के लिए ग्राम समाज की जमीन को पट्टा किया था। जो सिर्फ व्यतिगत प्रयोग के लिए था और उस जमीन को न तो बेचा जा सकता था और न ही खरीदा और न ही किसी को हस्तांतरित किया जा सकता है।लेकिन खनन माफिया और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से उस जमीन को पहले संक्रमणीय घोषित करके किसी दूसरे व्यक्ति के नाम बैनामा कर दिया गया। फिर उसके बाद तीसरे व्यक्ति ने मिलीभगत कर तथ्य को छिपाकर उस पर खनन का पट्टा मई, 2016 से मई, 2026 की अवधि के लिए करा कर अवैध खनन शुरू कर दिया।खनन प्रभारी ने बताया कि इस पूरे मामले पर हम लगातार एक्शन में हैं और खान अधिकारी के साथ मिलकर हम इस पूरे खेल में शामिल अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित है।साथ ही खनन पट्टा निरस्तीकरण की कार्यवाही भी चल रही है।उन्होंने कहा कि साजिश कर्ता चिन्हित हो गए गए हैं जो जल्द ही भूमाफिया के साथ खनन माफिया की सूची में डाले जाएंगे ।इतना ही नहीं एडीएम/खनन प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि दूसरा मामला भी बिल्ली-मारकुंडी इलाके का है।जहाँ मंगलेश्वर बाबा क्रेशर स्टोन फर्म को सरकारी जमीन पर खनन के लिए पट्टा दिया गया था लेकिन उनके द्वारा खनन पट्टे की आड़ में उसके बगल में स्थित एक किसान की भूमि पर कब्जा करके उसमें खनन का कार्य शुरू कर काफी गहराई तक पत्थर की खुदाई कर दी गयी है और इससे बाद खनन पट्टाधारक फर्म ने गलत ढंग से राजस्व अर्जित किया है।एडीएम का कहना है कि यदि किसान का अपने ढंग से ई-टेंडरिंग के माध्यम से पट्टा होता तो राजस्व अधिक मिल सकता था। मंगलेश्वर बाबा क्रेशर स्टोन द्वारा जो राजस्व की क्षति की गई है उसे आंकलित करके उसकी नोटिस दी गयी है । साथ ही साथ उनके द्वारा गरीबों को माफियागिरी करके दबाया गया है इसके लिए हम उन्हें नोटिस देते हुए पट्टा निरस्तीकरण की कार्यवाही भी प्रस्तावित कर रहे हैं।और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया जाएगा।

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