बापू के पदचिह्नों पर चलते हुए साकार करें “स्वच्छ भारत,स्वस्थ भारत” की संकल्पना — आलोक कुमार

बापू के पदचिह्नों पर चलते हुए साकार करें “स्वच्छ भारत,स्वस्थ भारत” की संकल्पना — आलोक कुमार

डिजिटल भारत न्यूज़24x7LiVE– संवाददाता- कृपाशंकर अग्रहरि ( गुड्डू ) दुद्धी

 

दुद्धी तहसील जिला सोनभद्र

2 अक्टूबर,शुक्रवार को ब्लॉक संशाधन केन्द्र दुद्धी में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व सादगी एवं ईमानदारी के प्रतीक शास्त्री जी के जन्मदिवस पर संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित हुआ। कोरोना महामारी के मद्देनजर पहली बार शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार अल्प संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सेनिटाइजर के साये में सादगीपूर्ण ढंग से कार्यक्रम हुए। खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री आलोक कुमार यादव ने स्वयं परिसर की सफाई व दोनों महापुरुषों के तैल चित्र पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम की शुरुआत की।इस बाबत श्री यादव ने कहा कि गांधीजी व शास्त्रीजी के विचार आज भी बड़े प्रासंगिक हैं। बापू के स्वच्छता संबंधी अभियान व संदेशों का आज दुनिया पालन कर रही है। दोनों ही महापुरुष सत्य व कर्म के पुजारी थे। केआरपी श्री शैलेश मोहन ने कहा कि गाँधीजी के शिक्षा सम्बन्धी विचार आज भी हम शिक्षकों को प्रेरित करते हैं।

महात्मा गाँधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने पूर्ण समर्पण और आत्मविश्वास के साथ ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराया और दुनिया को साबित कर दिखाया की स्वतंत्रता अहिंसा के साथ हासिल की जा सकती है। सत्य और अहिंसा उनकी वो ताकत थी जिसके सामने क्रूर अंग्रेजों के घुटने टूट गये।

महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 October 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। गांधीजी ने अपने जीवन के हर संकट में सच्चाई का साथ दिया और अहिंसा का पालन किया और सभी को इनका पालने करने के लिए प्रेरित किया।

आप इन्हें अपने स्कूल, कॉलेज में गाँधी जयंती के अवसर विभिन्न प्रतियोगिताओं में पढ़कर बापू के प्रति सम्मान व्यक्त कर सकते हैं।
आँखों पर चश्मा हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान,
दिल में था उनके हिंदुस्तान,
अहिंसा उनका हथियार था,
अंग्रेजों पर भारी जिसका वार था,
जात-पात को भुला कर वो जीना सिखाते थे,
सादा हो जीवन और अच्छे हो विचार,
बड़ो को दो सम्मान और छोटो को प्यार,
बापू यही सबको बताते थे,
लोगों के मन से अंधकार मिटाते थे,
स्वच्छता पर वे देते थे जोर,
माँ भारतीय से जुड़ी थी उनकी दिल को डोर,
ऐसी शख्सियत को हम कभी भूला ना पाएंगें,
उनके विचारों को हम सदा अपनायेंगे।

महापुरुष द्वय के जीवन का अनुसरण करते हुए ही आदर्श समाज की स्थापना हो सकती है। कार्यक्रम का संचालन अविनाश गुप्ता ने किया। इस अवसर पर एआरपी मनोज जायसवाल, संतोष सिंह, ऋषिनारायन, श्रवण कुमार, नीरज कुमार, प्रधानाध्यापक शकील अहमद, जितेंद्र चौबे, रेनू कन्नौजिया, शगुफ्ता बानो, विभा चौरसिया, ओमप्रकाश, दिलीप, पीयूष आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *