बिजलीकर्मियों का पूर्ण कार्य बहिष्कार आंदोलन दूसरे दिन भी जारी
अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन की तैयारी
निजीकरण की कार्यवाही पर ऊर्जा प्रबन्धन के हठवादिता के चलते बिकालिकर्मियों ने किया कार्य वहिष्कार
ओबरा व आसपास के कई क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था चरमराई
सरकार को गुमराह कर ऊर्जा निगमों में प्रबन्धन थोप रहा है हड़ताल
ऊर्जा क्षेत्र में टकराव समाप्त करने हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप की अपील
डिजिटल भारत न्यूज 24×7 LIVE– संवाददाता- दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)
ओबरा सोनभद्र पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपने के फैसले के विरोध में तथा सोमवार को भी संघर्ष समिति व सरकार के प्रतिनिधि के बीच वार्ता विफल होने के बाद बिजली कर्मियों अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार कायक्रम मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रखा ।इसके चलते सोमवार से ही ओबरा व आसपास के क्षेत्रों के साथ साथ प्रदेश के कई बड़े क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था बेपटरी हो गई।बिजली विभाग के कर्मचारियों के कार्य वहिष्कार पर जाने से लोगों की मुश्किलें अभी से ही बढ़ने लगी है और अगर अगर जल्द ही सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की जाती तो बिजली विभाग के कर्मचारियों की कार्य वहिष्कार अनवरत जारी रह सकती हैं ऐसे में लोगो की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं।पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में मंगलवार को ओबरा में अभियंताओं व कर्मचारियों ने कार्य वहिष्कार से पूर्व बीटीपीएस गेट झरियानाला पर सभा किया।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि सोमवार को पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन व ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा के साथ संघर्ष समिति की वार्ता अपराहन 3:00 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक कई चरणों में चली।वार्ता के बाद सहमति के बिंदु तय हो गए। समझौते के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति को स्पष्ट आश्वासन दिया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के या किसी अन्य निगम के विघटन /निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाता है और प्रदेश में कहीं भी ऊर्जा क्षेत्र में कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों की वर्तमान व्यवस्था में ही बिजली कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।समझौते का पूरा प्रारूप तैयार हो गया।
ऊर्जा मंत्री ने समझौते को पढ़ा और अंतिम रूप से इस पर उन्होंने अपनी स्वीकृति भी दिया।ऊर्जा मंत्री ने पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन को समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए निर्देश दिया और ऊर्जा मंत्री बैठक से चले गए।
पर वार्ता में उपस्थित सभी के हस्ताक्षर के बाद पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।वक्ताओ के कहा कि यह पहली बार हुआ है जब ऊर्जा मंत्री के साथ समझौते की पूरी सहमति बन जाने के बाद समझौते का पूरा ड्राफ्ट बन जाने के बाद हस्ताक्षर करने से चेयरमैन ने मना कर दिया। स्पष्टतया यह पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रबंधन की हठवादिता है जिससे ऊर्जा क्षेत्र में टकराव और अधिक बढ़ गया है।वक्ताओं ने कहा कि चेयरमैन के इस हठवादी रवैये से प्रदेश में बिजलीकर्मियों को पुनः कार्य वहिष्कार करना पड़ रहा है।
इससे जहाँ एकतरफ राजस्व वसूली पूरी तरह प्रभावित है वहीँ परियोजनाओं व विद्युत लाईनो में फाल्ट आने से अनुरक्षण कार्य न होने से प्रदेश के कई इलाके अंधकारमय हो गए हैं।लोंगो एक तरफ जहाँ भीषण गर्मी में बेहाल हैं वहीँ बिजली न होने से पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है।सरकार व ऊर्जा प्रबंधन जबरदस्ती शांतिपूर्ण तरीके से चलाये जा रहे कार्यवाहिष्कर आंदोलन को हड़ताल करार दे रही है।जिससे बिजलीकर्मी और प्रदेश की जनता दोनों परेशान हैं और अनावश्यक टकराव की स्थिति उत्पन्न की जा रही है।उन्होंने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप किये जाने की अपील की है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में टकराव की स्थिति समाप्त हो एवं बिजलीकर्मी पूर्ववत् निष्ठापूर्वक निर्बाध विद्युत आपूर्ति के कार्य में जुटे रह सके। उन्होंने अपनी फौलादी एकता बनाए रखते हुए कार्य बहिष्कार आंदोलन जारी रखने का आह्वाहन किया और कहा कि यदि किसी भी स्थान पर किसी भी बिजली कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया किया गया या उत्पीड़न किया गया तो उसी समय अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ होगी और सामूहिक जेल भरो आंदोलन प्रारम्भ कर दिया जायेगा।सभा को प्रमुख रूप से इं बीएन सिंह,इं अभय प्रताप सिंह,इं अदालत वर्मा,एसवीपी सिंह,पीएन गुप्ता,शशिकान्त श्रीवस्तव,योगेन्द्र प्रसाद,दिनेश यादव,बीडी विश्वकर्मा,सतीश कुमार,रामयज्ञ मौर्य,शाहिद अख्तर,कैलाश नाथ,दीपक सिंह ने संबोधित किया।सभा की अध्यक्षता इं आरजी सिंह तथा संचालन सत्यप्रकाश सिंह ने किया।इस अवसर पर इं एचएन पाण्डेय,इं अंकित प्रकाश,इं राजीव कुमार,इं अनिल पाण्डेय,सुरेश,मनीष तिवारी,मनोज कुमार,एसके रजक,कमलेश कुमार,प्रह्लाद शर्मा,वीपीएस कुशवाहा,ओपी पाल,उमेश चंद्र,रमेश राय, छोटू दुबे,सुनील ठाकुर,बृजेश यादव,पशुपतिनाथ विश्वकर्मा,संजय शर्मा,दुर्गा मिश्रा,मंजू देवी,बीडी विश्वकर्मा,दीपक कुमार,एमके गौतम,पियूष प्रताप सिंह,ऋषिकेश,राजकुमार,उमेश कुमार,अवधेश सिंह,सुरेश यादव,श्रीकांत,डीके उपाध्याय,नवीन कुमार,अजय प्रसाद,एमए खान,अजय शर्मा,आरके सिंह,आशीष गुप्ता,दीपू गोपीनाथन,अजीत साहू,दिनेश चौरसिया,बृजेन्द्र सिंह,आलोक सिंह,सुजीत सिंह,धुरंधर शर्मा,दिनेश सिंह,मनोज सिंह,बलवंत राय,आशीष,शराफत अली सहित सैकड़ों की संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल रहे।