सात महीनों के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खुले विश्व विख्यात बंशीधर मंदिर का पट, भक्तों में उत्साह

विण्ढमगंज सोनभद्र झारखंड राज्य के बंशीधर नगर में स्थित भगवान बंशीधर की 32 मन शुद्ध सोने से निर्मित विश्वविख्यात यह मूर्ति विण्ढमगंज थाना क्षेत्र के महुली के पास कनहर नदी के समीप शिव पहाड़ी पहाड़ी से निकली है सन् 1884 में नगर उंटारी की राजमाता शिवमणि कुंवर को सपने में भगवान बंशीधर ने शिव पहाड़ी पर होने की बात बताई थी तब राजमाता ने पूरी सैनिक दल के साथ आकर पूजा पाठ करके खुदाई किया तब मूर्ति वहां से निकला था

 

सात महीनों के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खुले विश्व विख्यात बंशीधर मंदिर का पट, भक्तों में उत्साह

 

शारीरिक दूरी सहित कई बातों का पालन कर आम श्रद्धालुओं द्वारा किया जा रहा पूजा अर्चना

 

विण्ढमगंज सोनभद्र स्थानीय झारखंड और उत्तर प्रदेश को विभक्त करने वाली सतत वाहिनी नदी के तट से लगभग 10 किलोमीटर दूर झारखंड राज्य के बंशीधर नगर में स्थापित विश्व प्रसिद्ध 32 मन शुद्ध सोने से निर्मित भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के कपाट को वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सभी मंदिरों में आम लोगो के लिए पूजा अर्चना वर्जित कर मन्दिरो के पट बन्द कर दिए गए थे, झारखंड सरकार द्वारा अनलॉक 5 के तहत सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश जारी करने के बाद विश्व विख्यात बाबा बंशीधर मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए आज सुबह सात बजे खोल दिया गया है। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 19 मार्च से सभी धार्मिक स्थल को बंद रखा गया था। तब से लेकर आज तक मंदिर परिसर में भक्तों के लिए प्रवेश पर पाबंदी लगी हुई थी लेकिन आज सुबह लगभग सात माह बाद भक्त भगवान का दर्शन किए।मंदिर के पट खुलने से श्रद्धालुओं में उत्साह है,। मंदिर का पट खुलते ही भक्तों ने समाजिक दूरी का पालन करते हुए मास्क और सेनीटाइजर लगाकर मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आ रहे हैं ।आम श्रद्धालुओं को थर्मल स्क्रीनिंग कर मंदिर के अंदर भेजा जा रहा है। लोगों को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं कराकर 10 फीट पहले ही गेट पर प्रसाद के रूप में तुलसीदल दे दिया जा रहा है।

बंशीधर मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव ने बताया कि जीवन में पहली बार ऐसा देखने को मिला कि कोरोना महामारी के कारण विश्व विख्यात बाबा बंशीधर मंदिर का पट विगत 7 माह तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहा,। सरकार के आदेश के बाद आज से मंदिर को खोलने की अनुमति दी गई है तथा श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सरकार के निर्देश के तहत कई शर्तों का पालन करना पड़ रहा है। साथ ही मंदिर के ट्रस्ट का जो आदेश होगा उसका भी पालन करते हुए श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा करने के लिए सीमित लोगों को एक साथ प्रवेश करने की अनुमति रहेगी। मंदिर में प्रवेश करते समय मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं के लिए हाथ धोने व सेनीटाइज की व्यवस्था किया गया है ।उन्होंने कहा कि भक्तों का प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा और ना ही प्रसाद आदि का वितरण होगा। मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी लोगो को मास्क लगाना अनिवार्य है,सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक के लिए कोई धार्मिक आयोजन नहीं होंगे,तथा भक्तों को दर्शन के बाद ज्यादा समय तक मंदिर में रुकने की इजाजत नहीं दी जाएगी क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में ऐतिहात बेहद जरूरी है।

श्रद्धालु प्रमिला देवी, सरिता देवी, मीणा देवी, निशा देवी, चंचल गुप्ता सहित अन्य श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान के दर्शन कर हम सब धन्य हो गए, पहले और अब में काफी अंतर दिख रहा है। श्रद्धालुओं को गाइडलाइन के अनुसार मास्क और सामाजिक दूरी का पालन कर 19 के तहत जारी गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी जय वर्द्धन कुमार ने दण्डाधिकारी के रूप में कौश

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