प्राचीन समय से ही हमारे देश में परंपरा रही है कि जूते और चप्पल घर के बाहर उतार कर घर में प्रवेश करना चाहिए। वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखें, तो बाहर से पहन के आए हुए जूते चप्पलों को घर के अंदर ले जाना गलत बताया गया है। चूंकि बाहर से आये जूते चप्पलों में बहुत सारी गन्दगी और कीटाणु लगे रहते हैं और गंदगी को घर में लेकर जाना किसी भी एंगल से सही नहीं है।
वास्तु में हर एक चीज के लिए सही स्थान निश्चित किया गया है, वहीं जूते चप्पलों के लिए थी स्थान निश्चित किया गया है। अगर आप घर के अंदर जूते चप्पलों के स्टैंड को या फिर जूते चप्पलों को सही दिशा में नहीं रखते हैं तो आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है जो किसी भी प्रकार से उचित नहीं होता है। चूंकि जहां नकारात्मक शक्तियां रहती हैं, वहां मां लक्ष्मी का निवास नहीं होता है।
वास्तु के हिसाब से जूते चप्पलों को घर के बाहर खोलना उचित होता है। अगर आप अपने जूतों को स्टैंड में रखते हैं तो उन्हें मुख्य द्वार से 2-3 फीट की दूरी पर रखें। यह ध्यान रखें कि जूते का स्टैंड दरवाजे वाला हो अथवा ढका हुआ हो, क्योंकि खुले हुए जूते घर में सकारात्मक ऊर्जा को अपने में खींच लेता है और घर में प्रवेश करने में बाधा उत्पन्न करता है, इसीलिए जूतों के स्टैंड का ढका होना आवश्यक है।
इसके साथ ही वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि जूते का स्टैंड कभी भी ऐसी दिशा में न रखें, जहां से घर का किचन अथवा पूजा घर की दीवार लगी हुई हो।
इसके साथ ही आपके घर के पूर्व, उत्तर, ईशान या आग्नेय कोण की तरफ भी जूते चप्पलों को कभी भी नहीं रखना चाहिए। वास्तु – विशेषज्ञ कहते हैं कि लॉकर या आपकी अलमारी जिसमें आप पैसे -रुपए रखते हैं उसके नीचे कभी भी जूते चप्पल नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे धन हानि होती है। इसके अलावा अपने बेडरूम में, बेड के नीचे भी जूते चप्पलों को इकट्ठा ना करें, क्योंकि इस तरीके के कार्य से घर के मुखिया या उस बेड पर सोने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य में कमी नजर आती है और वह लगातार बीमार रहता है।
बेड के नीचे कई सारे जूते चप्पल इकट्ठा करने की वजह से रिश्ते में खटास उत्पन्न होती है जो कलह की वजह बनती है। वास्तुशास्त्री यह भी कहते हैं कि बिना पहने हुए जूते जिन्हें आप अगले कुछ समय बाद पहनने वाले हैं, उन्हें भी आप अपने बेड के बॉक्स के अंदर कभी भी ना डालें, क्योंकि इससे स्वास्थ्य हानि की संभावना बनी रहती है।