आज से 12 सूत्री मांगों को लेकर काम बंद, तीन दिनों तक बैंकिंग का काम रहेगा प्रभावित

वाराणसी । मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना बंद करने, पारिवारिक पेंशन में सुधार सहित 12 मांगों के लिए बैंककर्मी शुक्रवार व शनिवार को हड़ताल पर हैं। वहीं इसके अगले दिन रविवार भी है। ऐसे में बैंकों में तीन दिनों तक लेन-देन का कार्य प्रभावित होगा। आंदोलन को धार देने के लिए कर्मचारियों ने गुरुवार को भी नदेसर स्थित इलाहाबाद बैंक के अंचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया।

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 31 व एक फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर बैंकों की हड़ताल हो रही है। अध्यक्ष आरबी चौबे व मंत्री संजय कुमार शर्मा ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी अगर मांगें नहीं मानी गई तो 11, 12 व 13 मार्च को भी हड़ताल किया जाएगा। इसके बाद आगामी एक अप्रैल को बैंककर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। शुक्रवार को सुबह से ही अपने अपने संस्‍थानों में कर्मचारी ए‍कत्र हुए और विरोध प्रदर्शन के साथ ही नारेबाजी भी की। पूर्वांचल में कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के बीच अमूमन सभी जिलों के प्रमुख बैंकों में कर्मचारी काम से विरत रहे। इस दौरान बैंक के ग्राहकाें को भी काफी दुश्‍वारी झेलनी पड़ी। अगले तीन दिनाें तक बैंक में बंदी होने की वजह से लोगों का एकमात्र सहारा एटीएम ही बचा है। वैवाहि‍क सीजन में बैंकों में हड़ताल की वजह से लोगों को काफी समस्‍याएं आगामी एक अप्रैल तक झेलना पड़ सकता है।
मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना बंद करने, पारिवारिक पेंशन में सुधार सहित 12 मांगों के लिए बैंककर्मियों ने शुक्रवार को दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी। इसके कारण बैंकों में लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंक में आए उपभोक्ताओं को परेशानी झेलने पड़ी, क्योंकि की बैंक में ताले बंद थे। किसी तरह लोगों ने एटीएम, पेटीएम व आनलाइन पेमेंट का सहारा लेकर काम चलाया।
वाराणसी में प्रदर्शन
वाराणसी में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर 31 और एक फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर बैंकों की हड़ताल शुरू हुई। अध्यक्ष आरबी चौबे और मंत्री संजय कुमार शर्मा ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी अगर मांगें नहीं मानी गई तो 11, 12 और 13 मार्च को भी हड़ताल किया जाएगा। इसके बाद एक अप्रैल को बैंककर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। इस मौके पर पीके घोष, जेके दास, प्रमोद द्विवेदी, इमरान अली, एसके सेठ, अरुण सहगल, शीतला प्रसाद दुबे, अरुण ओझा, शिवनाथ यादव, केके मुरारका, अरुण तिवारी, विनय सिंह, मणिकांत उपाध्याय, डीके सिंह, विनय कुमार आदि मौजूद थे।

चंदौली में करोड़ों का लेन देन प्रभावित

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के शुक्रवार से दो दिवसीय हड़ताल की वजह से तीन सौ करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित हुआ। जिले भर में 15 करोड़ रुपये के चेक की क्लीयरिंग फंस गई। सुबह ही कर्मचारी बैंकों पर ताला जड़कर प्रदर्शन करने लगे और सरकार विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एक दिन के हड़ताल की वजह से केवल नगर में 90 करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित हुआ। शुक्रवार और शनिवार को हड़ताल और रविवार को बैंक बंद होने की वजह से उपभोक्ता परेशान दिखे। लोगों की भीड़ एटीएम पर लगी रही। वक्ताआें ने कहा कि सरकार की मजदूर और कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मी विगत कई वर्षों से मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। कर्मचारियों की एकता के बल पर ही सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का मुकाबला किया जा सकता है।
कर्मचारियों ने बताया कि पर्याप्त लोडिंग के साथ वेतन पर्ची घटकों पर 20 प्रतिशत पर वेतन पुनरीक्षण समझौता, मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का विलय, नई पेंशन योजना को समाप्त करने, पेंशन का अद्यतनीकरण, पारिवारिक पेंशन में सुधार, परिचालन लाभ के आधार पर कर्मचारी कल्याण कोष को आवंटन, बिना सीमा के सेवानिवृत्ति लाभों पर आयकर से छूट आदि की मांग है। वहीं शाखाआें में काराबोर के समय भोजनावकाश आदि का एक समान निर्धारण, अधिकारियों के लिए निश्चित काम के घंटे, ठेका कर्मचारियों के लिए समान काम के लिए समान वेतन आदि मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।
एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे बैंक कर्मी इस बार काफी उग्र तेवर में हैं। यही वजह है कि कर्मचारियों ने बैंक की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। 31 जनवरी और एक फरवरी को दो दिवसीय, 11, 12 और 13 मार्च को तीन दिवसीय हड़ताल करेंगे। अगर इस बीच मांगें पूरी हो गई तो ठीक नहीं तो कर्मचारी एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

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