ओबरा डी के रेल नेटवर्क के लिए कवायद शुरू

ओबरा डी के रेल नेटवर्क के लिए कवायद शुरू
संवाददाता-संतोष सिंह सा-संपादक (ओबरा/सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
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ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित 1600 मेगावाट क्षमता के ओबरा डी को लेकर उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम ने सक्रियता बढ़ा दी है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बाद अब निगम प्रबंधन ने ओबरा डी के लिए रेल नेटवर्क की कवायद शुरू की है।

निगम के निदेशक मंडल ने रेल नेटवर्क की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए अनुमोदन प्रदान कर दिया है। निदेशक मंडल ने मेसर्स राइट्स को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इस कार्य के लिए 54 लाख लागत तय की गयी है। ओबरा डी के तहत 800-800 मेगावाट की दो इकाइयों की स्थापना की जाएगी। उत्पादन निगम के तहत ऐसा पहली बार होगा जब 800 मेगावाट क्षमता की इकाई की स्थापना होगी। पूर्व में ओबरा डी में 800 मेगावाट की एक और अनपरा ई 800 मेगावाट की एक इकाई स्थापित की जानी थी, लेकिन पिछले वर्ष ही निदेशक मंडल ने योजना में परिवर्तन कर दोनों इकाइयों को ओबरा डी के तहत ही स्थापना का निर्णय लिया। हालांकि 800 मेगावाट की एक इकाई के लिहाज से जमीनी स्तर पर भी कार्य शुरू हो गया था। उत्पादन निगम और पारेषण निगम की टीम द्वारा पिछले वर्ष ही अ तापघर का दौरा कर स्विच यार्ड के लिए आ रही बाधा का अध्ययन करने के साथ वैकल्पिक स्थान का मुआयना किया था। माना जा रहा था कि सेक्टर तीन स्थित छठ घाट ही ओबरा डी के लिए 220 केबी का स्विच यार्ड बनेगा। 220 केबी के स्विच यार्ड के लिए अ तापघर में अपेक्षित स्थान की कमी थी। इसके अलावा 132 केबी पारेषण लाइन के नये स्थान के लिए भी सर्वे हुआ था। प्रदेश की सबसे पुरानी तापीय परियोजनाओं में एक ओबरा अ तापघर की कुल आठ इकाइयों को हटाकर ओबरा डी के तहत 800 मेगावाट की एक इकाई लगाई जानी थी। अ तापघर में 50 मेगावाट की पांच एवं 100 मेगावाट की तीन इकाइयां मौजूद है। वर्तमान में सभी इकाइयां बंद हालत में हैं। बहरहाल अब दो इकाइयों के हिसाब से प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। नयी प्रक्रिया के तहत अब परियोजना आवासीय परिसर में स्थापित होगी। एनटीपीसी तैयार कर रहा डीपीआर

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