तो खनन क्षेत्र के लिए फरवरी बन रहा ब्लैक मंथ

बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में ़फरवरी का महीना ब्लैक मन्थ बनते जा रहा है। पिछले एक दशक में फरवरी माह में हुयी घटनाए बड़े हादसे बन गये।

सह-संपादक -संतोष सिंह (ओबरा/सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
ओबरा (सोनभद्र) : बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में फरवरी का महीना ब्लैक मंथ बनते जा रहा है। गत एक दशक में फरवरी माह में हुई घटनाएं बड़े हादसे बन गए। वर्ष 2012 में हुई घटना ने जहां खनन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की कलई खोली थी वही फरवरी में हुई अन्य घटनाओं ने भी बड़ा सवाल खड़ा किया था। शुक्रवार को हुई घटना ने फरवरी में नया अध्याय जोड़ा है। खासकर फरवरी का अंतिम सप्ताह बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के लिए दर्दनाक साबित हो रहा है।

गत एक दशक के दौरान फरवरी में वैसे तो कई घटनाएं हुई हैं लेकिन अंतिम सप्ताह में हुई घटनाओं ने देशव्यापी सुर्खियां बटोरी। 27 फरवरी 2012 में हुई घटना में जहां 11 मजदूरों की मौत हुई थी वहीं आधा दर्जन मजदूर घायल हुए थे। इस घटना के कारण पूरा खनन क्षेत्र नौ माह तक बंद रहा। करीब 50 हजार से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो गए थे। साथ ही सरकार को 200 करोड़ से ज्यादा की राजस्व क्षति हुई थी। इस घटना ने साबित किया था कि खनन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की कैसी धज्जियां उड़ाई जाती है । इसके अलावा बड़े पैमाने पर अवैध खनन का मामला भी सामने आया था। इसके बाद 26 फरवरी 2016 को होल में बारूद भरने के दौरान एक खदान में बड़ा हादसा हुआ था। इस घटना में भी तीन मजदूरों की जहां मौत हुई वहीं आधा दर्जन मजदूर घायल हो गए थे। इस घटना ने भी कई बड़े सवाल खड़े किए थे।

बहरहाल इन दो घटनाओं के बाद ही फरवरी में बड़े हादसे को लेकर बातें होने लगी थी। खासकर 27 फरवरी को एक बार जरूर लोगों के जेहन में रहता है कि कहीं कोई बड़ी घटना ना हो जाए। गत तीन वर्ष से खनन क्षेत्र की बंदी से ज्यादा बड़ी घटना सामने नहीं आई थी लेकिन शुक्रवार 28 फरवरी की हुई घटना ने पुन: फरवरी को ब्लैक मंथ के तौर पर सामने लाया है।

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