लॉकडाऊन के दौरान प्रशासन ने कसा कमर, चेकपोस्ट लगाकर की जा रही सघन मॉनिटरिंग।
भंडरिया में आयसोलेशन में रखे गये अंबिकापुर से पैदल वापस आये हजारीबाग के मजदूर।
संवाददाता- (नितेश कुमार/ भंडरिया/ गढ़वा/ झारखण्ड)
भंडरिया(गढ़वा) — प्रखंड मुख्यालय स्थित इंदिरा गांधी चौक के पास लॉकडाऊन को लेकर प्रशासन ने किया चाक-चौबंद व्यवस्था। भंडरिया-गोदरमाना मुख्य मार्ग पर चेकपोस्ट लगाकर आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है। अनावश्यक घुमने वालों पर पुलिस ने नकेल कसने का कार्य किया है। चेकपोस्ट पर दण्डाधिकारी के रूप में कनीय अभियंता अमोद उराँव एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी असीम विनित तिग्गा लगातार कार्य कर रहे हैं। साथ ही मॉनिटरिंग का कार्य प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंडारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विजय किशोर रजक एवं थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर कृष्णा कुमार के द्वारा किया जा रहा है।
इसी क्रम में हजारीबाग जिले के चौबे गांव के कुल सात मजदूर बगल के राज्य छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर से 126 किलोमीटर की दुरी पैदल यात्रा कर भंडरिया प्रखंड के बघवार गाँव पहुँचे। भुखे-प्यासे थके हारे मजदूरों को भंडरिया पहुँचने की जानकारी प्रखंड प्रमुख रामकृष्ण किशोर उर्फ़ मुन्ना सिंह को मिला। मजदूरों का रात्रि भोजन की व्यवस्था करते हुए प्रमुख ने तत्काल इसकी सुचना भंडरिया के वरीय पदाधिकारी सुलेमान मुडांरी व इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी कृष्णा कुमार को दिया। दोनों पदाधिकारियों ने शुक्रवार की सुबह मजदूरों के पास पहुंच सबसे पहले उन्हें खानें के लिए फल उपलब्ध कराया गया। साथ ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विजय किशोर रजक के द्वारा सभी मजदूरों का स्वास्थ्य जांच किया गया, जिसमें संक्रमण से संबंधित किसी तरह का कोई लक्षण नहीं पाया गया। लाॅकडाउन के दौरान किसी तरह का कोई आवागमन नही होने के कारण पदाधिकारियों के द्वारा सभी मजदूरों को उपरी आदेश तक स्थानीय राजकीय कृत +2 उच्च विद्यालय में अवस्थित होम क्वारन्टाईन वार्ड में रखा गया है। साथ उपस्थित पदाधिकारियों के द्वारा मजदूरों को खानें की सामग्री चावल,दाल,सब्जी आदि के साथ खाना बनाने का व्यवस्था उपलब्ध कराया गया है। जिससे मजदूर अपना खाना बना कर खा सकें। मजदूर तौफीक अंसारी,दाउद अंसारी,सदाब हुसैन,मोईन अंसारी, मोहम्मद अख्तर , महबुब अंसारी व मोख्तार अंसारी सभी हजारीबाग जिले के चौबे के रहनें वालें है। उक्त सभी लोगों ने बताया कि हम सभी पिछ्ले चार माह से छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में टाईल्स लगाने का कार्य करते थे। इसी दौरान देश में लाॅकडाउन लग गया, जिसके बाद से हमलोगों का काम बन्द हो गया। साथ ही पास में पैसा नहीं होंने के कारण हमलोगों को रहने खानें की लाले पड़ गए, जिसके बाद हम सभी लोग पैदल ही अपने घर हजारीबाग के चौबे गांव के लिए निकल पड़े।