एक से दो किलो चावल के लिए किया जा रहा लॉकडाऊन का उल्लंघन। भीड़ में बॉटा जा रहा एमडीएम का प्रतिपूर्ति चावल।

एक से दो किलो चावल के लिए किया जा रहा लॉकडाऊन का उल्लंघन।
भीड़ में बॉटा जा रहा एमडीएम का प्रतिपूर्ति चावल।

संवाददाता- (नितेश कुमार/ भंडरिया/ गढ़वा/ झारखण्ड)

भंडरिया (गढ़वा)- कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने एवं संक्रमण से बचाव हेतु भारत सरकार भले ही लॉक डाउन की घोषणा कर दे, पुरे झारखंड में प्रशासनिक अधिकारी इसे सफल बनाने में जीतोड़ प्रयास कर रहे हों किंतु भंडरिया प्रखंड के शिक्षकों को जान हथेली पर रखकर इसी दौरान बच्चों को मध्यान भोजन की प्रतिपूर्ति चावल एवं राशि देनी पड़ रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड के कई विद्यालयों में बच्चों को चावल का वितरण किया जा रहा है, जिसमें बच्चे एवं अभिभावक बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। इस बाबत लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं साथ ही चावल पाने की होड़ में बच्चों के बीच की दूरी बनाए रखने में शिक्षक चाह कर भी असफल रहे हैं। ताजा मामला भंडरिया थाना क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मरदा का है, जहां दर्जनों बच्चों को विद्यालय परिसर में प्रतिपूर्ति चावल का वितरण किया जा रहा है। चावल मिलने की खबर सुन अभिभावकों के साथ ही आसपास के लोगों का भीड़ भी लग गया। इस बाबत प्रधानाध्यापक किरूस समद से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधीक्षक गढ़वा के द्वारा जारी आदेश एवं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी भंडरिया के कार्यालय के पत्र के आलोक में बच्चों को तत्काल 12 दिन का प्रतिपूर्ति उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें कक्षा एक से पांच के बच्चों को एक किलो दो सौ ग्राम एवं कक्षा छः से आठ के बच्चों को एक किलो आठ सौ ग्राम चावल वितरण किया जा रहा है। हम लोग स्वयं जान हथेली पर रखकर विभाग के आदेश का पालन कर रहे हैं। वहीं कुछ शिक्षकों का नाम नही छापने के शर्त पर कहना है कि लॉक डाउन के दौरान सरकार को राशन उपलब्ध कराने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए था, किंतु बच्चों को इतना कम मात्रा में चावल उपलब्ध कराने का काम देकर शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। इतने कम चावल से क्या होगा यह चावल कितना दिन चल पाएगा। दूसरी ओर प्रतिपूर्ति की राशि भी विद्यालय को अप्राप्त है जो खाता में प्राप्त होने के बाद निकाल कर बच्चों को दिया जाना है। लॉकडाऊन के बाद चावल एवं राशि आसानी से बच्चों को उपलब्ध कराया जा सकता था। शिक्षकों में इस पत्र को लेकर काफी आक्रोश है जहां एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वही जिस विद्यालय में चावल नहीं है उन्हें भंडरिया स्थित बीआरसी परिसर से चावल का उठाव भी करना है। जो लॉक डाउन में काफी मुश्किल भरा कार्य है। गोदाम में भीड़ भाड़ का सामना करने के साथ ही परिवहन की भारी समस्या है। शिक्षक पेशोपेश में हैं कि कोरोना से अपना बचाव करें अथवा सैकड़ों परेशानी झेलते हुए विभाग का आदेश मानकर एक से दो किलो चावल प्रत्येक बच्चे के घर पहुंचाने जाएं। इस बाबत प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जूनास टोप्पो से संपर्क करने पर पता चला कि वह स्वयं मुख्यालय में नहीं हैं। शिक्षकों को पत्र जारी कर एक ओर तो उनके जान जोखिम में डाल रहे हैं, दूसरी ओर लॉक डाउन का उल्लंघन भी हो रहा है। उन्होने कहा कि “आज भर जाने दिजिए कल से देखते हैं।”
इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंडारी ने कहा के मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं जल्द ही पता करता हूं कि इस प्रकार का पत्र कहां से जारी किया गया है। अगर ऐसा है तो काफी दुखद है।

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