इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नही। कहते हैं कि नर सेवा ही सच्ची नारायण सेवा है।

संवाददाता- उपेन्द्र कुमार तिवारी (दुद्धी ब्यूरो/ सोनभद्र / उत्तर प्रदेश)
दुद्धी-सोनभद्र। इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नही। कहते हैं कि नर सेवा ही सच्ची नारायण सेवा है। इस कोरोना महामारी के भयावह समय में अपनों के बीच जाने की मंशा पाले मजदूरों का जत्था दुद्धी में फंसा नजर आया तो उन्हें उनके परिजनों तक सुरक्षित भेजने की जिम्मेदारी दुद्धी के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों की स्वीकृति से ले लिया। यह वाकिया नगर पंचायत दुद्धी का है, जहां पर भारी संख्या में बाहर से आकर फंसे मजदूरों को उनके गृह राज्य बार्डर तक भेजा गया।
मजदूरों के जत्थे को यहाँ नाश्ता खाना खि ला कर उनके गृह राज्य के बॉर्डर तक सुरक्षित भेजे जाने का कार्य शनिवार से अनवरत जारी है। रौशन द्वारा उपलब्ध कराए गए बस व चिंटू कुरैशी की पिकअप में बैठे मजदूरों ने अपने आँखों से बहते हुए खुशी के आँसू को पोंछते हुए पूरे दुद्धीवासियों को अपनी दुआओं से नवाजा।
शुक्रिया दुद्धी के दिलवालों! पहले खाने का इंतजाम और फिर जाने का भी इंतजाम। यह जुमला दुद्धी नगर से विदा हो रहे उन राहगीरों का है जो आज कस्बे से गुज़र रहे थे। उन्हें जो सुविधा नगर पंचायत, युवा शक्ति फाउंडेशन, राजनैतिक दलों और पत्रकारों द्वारा मुहैय्या कराई गई, सच पूछिए तो रुखसत के समय उनकी नम आंखों व दिल से दुद्धी वालों के लिए दुआ निकल रही थी कि इस भलाई के बदले ईश्वर आपके दुद्धी को कॅरोना से महफूज़ रखे।
बता दें कि दुद्धी नगर पंचायत में पड़ोसी राज्य झारखण्ड के कई मजदूरों का झुण्ड बाहर से आकर यहाँ आगे जाने के लिए परेशान बेहाल था। उन्हें दुद्धी नगर पंचायत,युवा शक्ति फाउंडेशन, पत्रकारों व राजनैतिक दलों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बस व पिकअप द्वारा यूपी-झारखण्ड बार्डर तक सुरक्षित पहुँचवाया गया।

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