ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने गिरिराज पर्वत को हेरिटेज साइट के लिए प्रस्तावित करने का दिया सुझाव 

मथुरा। गोवर्धन में योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी गिरिराज पर्वत हेरिटेज साइट बनेगा। इसकी पहल उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने की है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। राजस्व अभिलेखों में गोवर्धन परिक्रमा और उसके आसपास प्राचीन स्थल और स्मारकों का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है। गिरिराज पर्वत का हेरिटेज की दृष्टि से अध्ययन के लिए कंसलटेंट का चयन किया जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण की जन्म और लीला भूमि मथुरा में यमुना और गिरिराज पर्वत को साक्षात देव के रूप में मान्यता है। करीब सवा पांच हजार साल से अधिक पुरानी गिरिराज पर्वत लीला का यह सप्तकोसीय पर्वत साक्षी भी है। यहां कृष्ण की बाल लीलाओं के अनेक साक्ष्य आज भी मिलते हैं। इन्हें देखने और परिवर्तीय क्षेत्र की परिक्रमा के लिए करीब चार करोड़ लोग प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं।

प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में लखनऊ में आयोजित रंगोत्सव की बैठक के दौरान गिरिराज पर्वत को हेरिटेज साइट में शामिल कराने की पहल की गई। यहां हेरिटेज साइट की संभावना को तलाशने के लिए पर्यटन विभाग के स्तर पर कंसलटेंट चयन किया जाएगा। इसके अलावा गिरिराज परिक्रमा के आसपास प्राचीन स्मारकों के राजस्व अभिलेख भी जुटाए जा रहे हैं, जिससे हेरिटेज साइट के आसपास पर्यटन की अन्य संभावनाओं को ओर मजबूत किया जा सके। गिरिराज पर्वत से दो किमी दूर स्थित परासौली गांव है, यहां महाकवि सूरदास एवं कृष्ण की महारास स्थली है। गिरिराज पर्वत पर नाथद्वारा तक एक गुफा भी बनी है, जिसके बारे में किदवंती है कि श्रीनाथ जी हर सुबह उससे होकर नाथद्वारा जाते हैं और शाम को लौट आते हैं। इसी के दायरे में राधाकुंड कृष्णकुंड हैं। इनकी भी अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं। गिरिराज पर्वत से दो किमी दूर स्थित परासौली गांव है, यहां महाकवि सूरदास एवं कृष्ण की महारास स्थली है। गिरिराज पर्वत पर नाथद्वारा तक एक गुफा भी बनी है, जिसके बारे में किदवंती है कि श्रीनाथ जी हर सुबह उससे होकर नाथद्वारा जाते हैं और शाम को लौट आते हैं। इसी के दायरे में राधाकुंड कृष्णकुंड हैं। इनकी भी अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं। इनके अलावा गोवर्धन में लक्ष्मी नारायण मंदिर, लक्ष्मण मंदिर निर्मोही अखाड़ा, खास महल, कनक भवन, कुसुम सरोवर, उद्धव कुंड, राधाकुंड-कृष्णकुंड, ललिता कुंड, राजवाणी, राधारमण मंदिर, राधागोविंद मंदिर, मलिहारी कुंड, मणिपुरी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, ग्वालियर मंदिर, श्रीकृष्ण चैतन्य प्रभु मंदिर, जतीपुरा रुद्रकुंड, सुरभि कुंड, हरजी कुंड, एरावत कुंड, डंडोति शिला, श्रीनाथ जी मंदिर, चंद्र सरोवर, सूर कुटी आदि स्थल मौजूद हैं। गोवर्धन क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन के दृष्टिगत ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने इसे केंद्र सरकार की प्रसाद योजना में शामिल किया है। प्रसाद योजना से बनारस की वास्तुकला पर आधारित सरकारी बस स्टैंड, मल्टीलेवल पार्किंग स्थल का निर्माण कराया है। सुरक्षा की दृष्टि से परिक्रमा मार्ग में सीसीटीवी कैमरे, साउंड सिस्टम आदि के कार्य चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप ने कहा कि लखनऊ में आयोजित रंगोत्सव की बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने गोवर्धन स्थित गिरिराज पर्वत को हेरिटेज साइट के लिए प्रस्तावित करने का सुझाव दिया था। प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने सहमति जताते हुए इस पर काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत राजस्व रिकॉर्ड आसपास के प्राचीन स्थलों का जुटाया जा रहा है। हेरिटेज साइट के लिए कंसलटेंट का चयन होगा, जो इसकी संभावना तलाशेगी।

 

रिपोर्ट /- प्रताप सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *