सुविधाओं के अभाव में सड़क दुर्घटना के अधिकांश घायलों को रैफर करना चिकित्सको की मजबूरी स्वास्थ केंद्र पर वर्षो से नहीं महिला चिकित्सक की तैनाती बग़ैर महिला चिकित्सक के प्रति माह होते 200 से अधिक प्रसव
अजीतमल-: देश के व्यस्ततम राष्ट्रीय राज्य मार्ग के किनारे बसे अजीतमल कस्बे में बना 30 शैय्या स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की नजर अंदाजी व सरकारी नुमाइंदों की उपेक्षा के चलते चिकित्सक होने के बावजूद भी चिकित्सीय उपकरणो के अभाव में रिफर सेंटर बन कर रह गया। आए दिन सड़क हादसे मे गंभीर घायल रोगी को प्राथमिक उपचार के बाद जिंदगी और मौत से जूझने के दौरान रैफर करना चिकित्सको की मजबूरी बन गया है।
साढ़े तीन दशक पहले सन 1987 मे अजीतमल कस्बे में स्थित दो कमरों में चलने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को करोड़ों रुपए की लागत से भव्य इमारत तैयार कर उच्च प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया स्वास्थ केंद्र का उद्घाटन प्रदेश सरकार के तत्कालीन स्वास्थ मंत्री लोकपति त्रिपाठी द्वारा किया गया था ।
क्षेत्रीय जनता को समुचित स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से नवनिर्मित स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा विभाग द्वारा चिकित्सीय उपकरण भी उपलब्ध कराए गए थे लेकिन चिकित्सकों की कमी के चलते अधिकांश उपकरण सिर्फ शोपीस बनकर ही अनुपयोगी हो गए वर्तमान समय मे 30 शैय्या वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजीतमल में दो विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित कुल नौ की संख्या मे चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पर ई सी जी सहित कुछ जरूरी जांचो व अन्य संसाधनों के अभाव में चिकित्सकों के पास इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद उच्च चिकित्सा संस्थान पर रिफर करना इलाज प्रक्रिया मे शामिल हो गया है। स्वास्थ केंद्र पर कार्यरत दंत रोग विशेषज्ञ डॉ महेंद्र कुमार( एम डी) की तैनाती को एक वर्ष होने के बाबजूद भी वह क्षेत्र के मरीजों को बिना डेंटल चेयर ,डेंटल एक्स रे के अभाव में परामर्श और दवाएं देकर उच्च संस्थान मे रिफर कर रहे है। वही औरैया के स्वास्थ विभाग के आकंड़ों मे प्रसव के सर्वाधिक मामले प्रतिमाह करीब 200 से अधिक प्रसव बिना महिला चिकित्सक के अभाव में मात्र तीन स्टाफ नर्सो के सहयोग से अजीतमल स्वास्थ्य केंद्र पर किये जा रहे हैं। स्वास्थ केंद्र पर महिला चिकित्सक के अभाव में एक माह मे 50 से अधिक प्रसव के मामले रैफर किए जाते है वही प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत के लिए भी कही न कहीं स्वास्थ विभाग ही जिम्मेदार है। सूत्रों की माने तो प्रसव विभाग मे जरूरत के हिसाब से नौ स्टाफ नर्स के सापेक्ष मात्र तीन स्टाफ नर्स ही भारी मानसिक दबाव के बीच सेवाएं दे रही है।
व्यस्ततम हाईवे के किनारे बने अजीतमल के स्वास्थ केंद्र पर जरूरी चिकित्सा उपकरणो के साथ हड़डी रोग , आंख रोग ,बाल रोग ,महिला चिकित्सक , सर्जन की स्थाई नियुक्त व स्वास्थ सुविधाएं बढ़ाने के लिए अजीतमल की जनता वर्षो से मांग करती आ रही है लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का जनता के प्रति नजरंदाज रवैया व स्वास्थ विभाग के उच्च प्रबंधन की स्वास्थ केंद्र के प्रति उपेक्षा के चलते अजीतमल का समुदायिक स्वास्थ केंद्र सिर्फ प्राथमिक उपचार केंद्र बनकर रह गया है।
क्या बोले अधीक्षक- डॉ अवनीश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर कुशल चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही है दंत चिकित्सक कक्ष के लिए डेंटल चेयर डेंटल x-ray मशीन, महिला चिकित्सक आदि के लिए के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र व्यवहार किया गया है, शीघ्र ही कमियों को दूर किया जाएगा।