नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में तो रामलला को दिसंबर 2023 तक स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है, किंतु प्रस्तावित मानचित्र के अनुरूप राम मंदिर का निर्माण वर्ष 2025 तक पूर्ण होगा। यह जानकारी रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने दी।
चौपाल के अनुसार इस अवधि में संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर भी सांस्कृतिक उपनगरी के रूप में विकसित हो चुका होगा।उन्होंने बताया कि परिसर में ही माता सीता, गणेश, वाल्मीकि, निषादराज, शबरी और जटायु का भी स्वतंत्र मंदिर विकसित किया जाएगा।
यद्यपि राम मंदिर की लागत के बारे में अभी से किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता, किंतु अनुमान है कि निर्माण के काम में एक हजार करोड़ से अधिक की राशि व्यय होगी। प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा एवं 161 फीट ऊंचा है। तीन तल के मंदिर में 366 स्तंभ होंगे।