समर्थ एप से दिव्यांग बच्चों की मॉनिटरिंग कर रहा बेसिक शिक्षा विभाग

अलीगढ़ : 26 दिसम्बर 2022 (सूवि) महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द की अगुवाई में बेसिक शिक्षा विभाग समर्थ एप के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की कवायद में जुट गया है। इसका उद््देश्य दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ सामान्य बच्चों के भीतर दिव्यांग बच्चों के लिये एकसमान शिक्षा और सम्मान का भाव पैदा करना है।
मुख्य विकास अधिकारी अंकित खण्डेलवाल की अध्यक्षता में दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के क्रियान्वयन के लिये विकास भवन सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि सामान्य बच्चों की भांति ही दिव्यांग बच्चों को भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। प्रदेश सरकार इसके लिए हरसम्भव प्रयास कर रही है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द निपुण भारत अभियान’’ के तहत भिन्न-भिन्न प्रकार से बच्चों को समावेशी शिक्षा दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कुमार ने बताया कि विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति, उनका चिन्हींकरण करने के उपरान्त राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के साथ समन्वय कर फीजियोथैरेपिस्ट और स्पेशल एजुकेटर्स की मदद से फरवरी तक बच्चों की चौकलिस्ट तैयार की जाएगी। चिन्हित किये गये बच्चों की सूची समर्थ एप पर अपलोड करनी होगी। एप के डाटाबेस को आधार बनाकर दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिये कार्ययोजना तैयार कर समावेशी शिक्षा, होम बेस्ड एजुकेशन और थैरपी सेवाएं दी जाएंगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि दिव्यांग छात्रों को उनकी दिव्यांगता के आधार पर उपकरण जैसे- ब्रेल किट, व्हील चेयर, कैलीपर्स, सीपी चेयर, रोलेटर, मोविलिटी केन, ट्राइसाइकिल, मल्टी सेंसरी इंटीग्रेटेड एजुकेशन किट और हियरिंग एड आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा छात्रों को किताबें एवं लर्निंग मैटेरियल भी दिये जाएंगे। वर्कशॉप में बताया गया कि बच्चों की बौद्धिक क्षमता के अनुसार बच्चों के मानसिक विकास के लिये एससीईआरटी द्वारा तैयार की गयी पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गयी हैं।
विकास भवन में आयोजित कार्यशाला में दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के सफल क्रियान्वयन के लिए समेकित शिक्षा के अन्तर्गत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के लिये सुनियोजित गतिविधियों के संचालन एवं समावेशी शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रण के लिए समर्थ मोबाइल एप बेस्ड एप्लीकेशन एवं वेब पोर्टल के बारे में जागरूक किया गया। विद्यालय स्तर पर दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक को नोडल टीचर नामित किया गया है। नोडल टीचर के साथ-साथ स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा दिव्यांग बच्चों को भी निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत निर्धारित दक्षताओं की प्राप्ति की जा सके। जनपद को निर्धारित लक्ष्य 5446 के सापेक्ष 1440 विद्यालय में 5093 बच्चों का चिन्हीकरण करते हुए 5088 का नामांकन परिषदीय विद्यालयों में कराया जा चुका है। जनपद अलीगढ़ में 38 विशेष शिक्षक के लक्ष्य के सापेक्ष 25 स्पेशल एजुकेटर्स एवं नोडल टीचर्स के माध्यम से नियमित रूप से विद्यालयों का भ्रमण करते हुए शिक्षा को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। 12 नवीन शिक्षकों के चयन की कार्यवाही गतिमान है। शैक्षिक सत्र 2022-23 में मुख्य चिकित्साधिकारी के सहयोग से जनपद मे 13 मेडिकल एसेसमेंट कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें 545 विशिष्ट आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों ने प्रतिभाग किया। जिसमें 446 बच्चों का दिव्यांग प्रमाण भी निर्गत किये गये। इसके अगले क्रम में एलिम्को कानपुर के सहयोग से 02 मेजरमेंट एवं 01 डिस्ट्रीब्यूशन कैम्प का आयोजन करते हुए कुल 426 बच्चों को उपकरण, उपस्कर उपलब्ध कराने का भी कार्य किया गया। जनपद अलीगढ़ में शैक्षिक सत्र 2022-23 में 50 पूर्ण दृष्टि बाधित, 70 अल्प-दृष्टि बाधित बच्चों को लो-विजन किट ब्रेल किट के साथ-साथ ब्रेल बुक एवं इनलार्ज बुक भी उपलब्ध करायी गयी। इसी के अगले क्रम में दिव्यांग बच्चों के प्रोत्साहन के लिए 03 दिसम्बर विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर समस्त विकास खण्ड एवं जनपद स्तर पर एकेडिमक कल्चरल एंव स्पोर्ट्स मीट का भी आयोजन किया गया। जनपद अलीगढ़ मे 25 विशेष शिक्षकों के माध्यम से कुल 125 अति गंभीर दिव्यांग बच्चों को होम बेस्ड प्रोग्राम के अन्तर्गत गृह भ्रमण एवं होम बेस्ड किट उपलब्ध कराते हुए शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने एवं उनका सर्वांगीण विकास किये जाने का कार्य किया जा रहा है।

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