अलीगढ़ में 17 पाकिस्तानी नागरिकों को ,जल्द मिल सकती है भारतीय नागरिकता, अराजकता से डरकर आए थे हिंद


अलीगढ़ : कई साल से रहने वाले 17 पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द भारतीय नागरिकता मिल सकती है। ये सभी यहां पर बिना नागरिकता के ही निवास कर रहे हैं, लेकिन अब इनका इंतजार जल्द खत्म हो सकता है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान व पाकिस्तान के रहने वाले लोगों की नागरिकता के आवेदनों में मिली कमियों को दूर कराकर उनका जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।

अलीगढ़ शहर में रहने वाले हिंदू परिवारों के लोगों में से तीन को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, जबकि पाकिस्तानी चार मुस्लिम भी नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं,पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में वर्ष 1953 में जन्मे रमेश लाल का 1972 में सिंध इलाके की लाजवंती साथ विवाह हुआ था। वे वहां पर किराना की दुकान चलाते थे।

उस समय बलूचिस्तान में अराजकता का माहौल था। वर्ष 2005 में वहां के नवाब की हत्या के बाद फैली अराजकता से डर कर वह भारत आ गए। रमेश लाल के बड़े भाई बच्चाराम वर्ष 1968 से अलीगढ़ में किराने का काम कर रहे थे। रमेश लाल ने हाथरस अड्डे के पास मदारगेट जैन मंदिर के पास जनरल स्टोर खोल लिया और बन्नादेवी क्षेत्र की नई बस्ती में निवास कर रहे हैं,रमेश लाल ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक होने के नाते वह और उनका परिवार एलटीवी (लांग टर्म वीजा) के जरिए अलीगढ़ में रह रहा है।

उन्होंने अपना, पत्नी लाजवंती, पुत्र कैलाश, बेटी पूजा की नागरिकता के लिए वर्ष 2015 में आवेदन किया था। अभी तक रमेश लाल, लाजवंती बेटी पूजा को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। रमेश लाल का एक बेटा हरेश लाल वर्तमान में बलूचिस्तान में रह रहा है।

जबकि दूसरा बेटा शंकर लाल एवं बहू बरजी बाई वर्ष 2013 में अलीगढ़ आ गए थे। उन्होंने भी नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है। एडीएम सिटी- राकेश कुमार पटेल ने बताया कि शहर में निवास कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों को नागरिकता देने के संबंध में केंद्रीय स्तर से निर्णय होना है। शासन स्तर से मिले निर्देशों के हिसाब से संशोधित जानकारी भेजी जाएगी।

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