केवाल में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर एस के सिंह ने वर्मी कंपोस्ट के बारे में दुद्धी ब्लाक के केवाल गांव में 25 जनजातीय कृषिको परीक्षण किया।

डिजिटल भारत न्यूज़ 24×7 LiVE- संवाददाता- वीरेंद्र कुमार गुप्ता- (विंढमगंज/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)

विकासखंड दुद्धी के अंतर्गत ग्राम पंचायत केवाल में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर एस के सिंह ने वर्मी कंपोस्ट के बारे में दुद्धी ब्लाक के केवाल गांव में 25 जनजातीय कृषिको परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि किसानों की जैविक खेती का महत्व वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि बताया की केंचुआ खाद या वर्मीकम्पोस्ट पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है।

यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है।वर्मी कम्पोस्ट में बदबू नहीं होती है और मक्खी एवं मच्छर नहीं बढ़ते है तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। तापमान नियंत्रित रहने से जीवाणु क्रियाशील तथा सक्रिय रहते हैं। इस कार्यक्रम का संचालन नियोजन मास्टर ट्रेनर उद्यान एवं पशुपालन श्री गौरी शंकर कुशवाहा ने किया इस परीक्षा के मुख्य अतिथि एस के सिंह व ट्रेन रमेश कुमार मौर्या,उमेश कुमार मौर्या,ने जनजातीय कृषि को जैविक खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी मौके पर मौजूद किसान फेकन सिंह भिखारी सिंह उदय चंद अशर्फी गोड जगरनाथ गोड़ इत्यादि लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *