मथुरा से शुभम शर्मा की रिपोर्ट
वृन्दावन । हिंदू धर्म में वैसाख मास की तृतीया यानि अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। इस बार यह पर्व 3 मई को मनाया जाएगा। इस दिन वक्त अपने आराध्य को गर्मी में शीतलता प्रदान करने के उद्देश्य से उनके शरीर (श्रीविग्रह) पर शुद्ध चंदन और कपूर का लेप करते है और रंगबिरंगे महकते हुए फूलबंगला में विराजमान कराते हैं। साथ ही ठाकुरजी को सत्तू, तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा और शीतल पेय जल पदार्थों का प्रसाद लगाया जाता है।
विश्वविख्यात ठा. बांके बिहारी मंदिर में साल में सिर्फ एक दिन होने वाले ठाकुरजी के चरण दर्शन भी इसी दिन होते हैं। इसके लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
मंदिर प्रबंधन ने भक्तों की भीड़ नियंत्रित करने के लिए कोविड-19 गाइडलाइन के अनुरुप तैयारियां शुरु कर दी हैं। 3 मई को सुबह 7.45 बजे से दोपहर 12 बजे तक चरण दर्शन होंगे। शाम के समय फूलबंगला में विराजमान ठाकुरजी के दर्शन होंगे।
सेवाकुंज क्षेत्र स्थित ठा. राधादामोदर मंदिर में अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी को चंदन लेपन करने के लिए चंदन घिसाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। मंदिर सेवायत गुरु मां तरुलता गोस्वामी के सानिध्य में करुण गोस्वामी, कृष्णबलराम गोस्वामी, पूर्णचंद्र गोस्वामी एवं गोस्वामी और भक्त सुबह से ही चंदन घिसाई में जुट जाते हैं।
मंदिर के सेवायत आचार्य कृष्णबलराम गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में शाम 6 बजे से चंदन श्रंगार के साथ अनूठे दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। साथ ही ठाकुर राधारमण मंदिर, ठा. मदनमोहन मंदिर, ठा. राधाश्यामसुंदर मंदिर, ठा. राधागोपीनाथ मंदिर, गोकुलानंद मंदिर समेत राधासनेह बिहारी मंदिर और श्रीकृष्ण बलराम इस्कॉन मंदिर आदि में भी चंदन यात्रा दशर्न के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ेगा