कांग्रेस न छोड़ने की शपथ, एक परिवार में एक टिकट; चिंतन शिविर के लिए सोनिया गांधी की तैयारी

उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर को लेकर कांग्रेस ने बड़ी तैयारियां हैं। ऐसे दौर में जब पार्टी लगातार हार का सामना कर रही है, तब कांग्रेस की ओर से संगठन से लेकर नैरेटिव तक में कायापलट की तैयारी है। यही नहीं लगातार पलायन कर रहे नेताओं को रोकने के लिए भी कोशिशें तेज की जा सकती हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चिंतन शिविर में पार्टी की ओर से नेताओं को शपथ भी दिलाई जा सकती है कि वे दल को छोड़कर नहीं जाएंगे। निष्ठा की शपथ लेते हुए लोगों से यह कहा जाएगा कि वे खुद और अपने समर्थकों को पार्टी में बनाए रखने का वादा करें। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद समेत टीम राहुल गांधी का हिस्सा कहे जाने वाले कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।

ऐसे में कांग्रेस के लिए पलायन कर रहे नेताओं को रोकना भी एक चुनौती है। इसके अलावा सबसे अहम प्रस्ताव यह पारित हो सकता है कि पार्टी में एक व्यक्ति को एक ही पद मिलेगा। इसके अलावा एक परिवार में एक व्यक्ति को ही टिकट दिए जाने का फॉर्मूला लागू किया जा सकता है। यही नहीं चर्चाएं तो यहां तक है कि यह फॉर्मूला गांधी परिवार पर भी लागू हो सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सोनिया गांधी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर सकती हैं और अकेले ही राहुल गांधी ही 2024 के आम चुनाव में उतर सकते हैं। हालांकि कुछ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह भी संभव है कि परिवार के ऊपर यह फॉर्मूला लागू न किया जाए।

जी-23 के नेताओं को भी है साधने की कोशिश

इसके अलावा कांग्रेस की कोशिश यह भी है कि जी-23 के उन नेताओं को भी साधा जाए, जो प्रभावशाली हैं। इसी नीति के तहत हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा को किसान मामलों की समिति की कमान दी गई है। यही नहीं राज्य में उनके करीबी दलित नेता उदयभान को ही प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि यह चिंतन उसके लिए 2003 वाला मोमेंट साबित होगा, जब 2004 के आम चुनाव में उसने अप्रत्याशित सफलता हासिल की थी। इस बार कांग्रेस दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक नेताओं को संगठन में 50 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित कर सकती है।

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