वृन्दावन में रूस व यूक्रेन के लोग युद्ध के तनाव को हसी में उड़ाते हुए कृष्ण भक्ति में लीन

मथुरा । यह कान्हा की भूमि है। यहां सिर्फ प्रेम की ही सीख मिलती है। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव है, युद्ध की वजह से दोनों देशों में माहौल तल्ख है। मगर, वृंदावन में रह रहे इन देशों के कृष्ण भक्तों के बीच प्रेम पसरा है। युद्ध के तनाव को हंसी में उड़ाते हुए ये श्रद्धालु प्रेम और सौहार्द का दीया जला रहे हैं। कहते हैं, कान्हा सब ठीक करेंगे। यूक्रेन में शुक्रवार सुबह जब रूस की सेना बम बरसा रही थी। इस्कान मंदिर के पास की गली में आम दिनों की तरह ही भक्ति का नजारा था। राधाटीला स्थित रसियन बिल्डिग से छह युवक हाथ में माला झोली लिए निकले। ये थे यूक्रेन के बलराम और रविदास, रूस के कमल किशोर, गौरहरि व राधाकांत, अमेरिका के बलराम। एक हाथ माला झोली में था और मुंह पर परिक्रमा लगाने की बातें। कदम इस्कान मंदिर की ओर बढ़ते जा रहे थे। गौरहरि ने कहा, हम आज शाम को परिक्रमा लगाएंगे, हमारे साथ जो चलना चाहे, चले। बलराम बोले, कल प्रसाद खूब खाया मन को भा गया। इस माहौल पर जब युद्ध को लेकर सवाल किया तो राधाकांत बोले, नो कमेंट। बाकी ने भी इन्कार में सिर हिला दिया। इस्कान मंदिर पहुंचे और साधना में लीन हो गए। राधाटीला स्थित रसियन बिल्डिग में 75 फ्लैट हैं। यहां रूस और यूक्रेन के नागरिक एक साथ रहकर कान्हा की आराधना करते हैं। यहां भी माहौल सादगीभरा है। कुछ फ्लैट में हरेराम महामंत्र गूंज रहा था। इस्कान गोशाला से रसियन भक्त विक्रम दास मालाझोली लिए महामंत्र का जाप करते फ्लैट की ओर बढ़े, यूक्रेन के सवाल पर कुछ नहीं बोले। मालाझोली की तरफ इशारा किया और आगे बढ़ गए। अपार्टमेंट की सीढि़यां चढ़ीं, सामने यूक्रेन की राधिका के दिखाई देने पर दोनों के बीच राधे-राधे हुई। अपनी भाषा में कुछ बात की और राधिका इस्कान मंदिर और विक्रम फ्लैट की ओर बढ़ गए। राधिका से यूक्रेन पर सवाल किया, तो बोलीं, सब ठीक है।इस्कान मंदिर से दुनिया भर के डेढ़ सौ से अधिक देशों के नागरिक जुड़े हैं। इनमें सबसे अधिक रूस के हैं। इसके अलावा यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका के श्रद्धालु हैं। रसियन बिल्डिग अपार्टमेंट में विशेष रूप से रूस और यूक्रेन समेत आसपास के देशों के लोग रहते हैं। इनमें सौ के करीब यूक्रेन व तीन सौ रूस के नागरिक हैं। एक साथ कान्हा से सुरक्षा की पुकार यूक्रेन के युद्ध में अपने फंसे हैं तो यहां आंखों से नींद गायब है। यूक्रेन निवासी कृष्ण भक्तों को हजारों मील दूर रह रहे परिवार की चिता सता रही है। दिन भर कान्हा की साधना करने वाले श्रद्धालु अब कान्हा से ही अपने परिवार की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहे हैं। उनकी चिंता में रूस के कृष्ण भक्त भी शामिल हैं। वह भी शांति व सौहार्द की कामना कर रहे हैं। रूस के अवरतन दास, महाभाव दास, वैकुंठ दास और युवराज दास और यूक्रेन की रुक्मणी दासी भी शामिल रहीं।

 

रिपोर्ट/- प्रताप सिंह

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