पते की बात:गजवा ए हिंद – एक हकीक़त या ख्वाब

 

पते की बात : गजवा ए हिंद – एक हकीक़त या ख्वाब

वर्तमान में भारत विश्व का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश बन चुका है और इस स्थिति में भारत को #दार_ऊल_इस्लाम में बदलने की कोशिश इस्लामिक कट्टरपंथी करेंगे नहीं, यह अकल्पनीय है।

इस्लाम की मूल धारणा व अंतिम लक्ष्य है – दुनिया को दार-ऊल-हरब से दार-ऊल-इस्लाम में परिवर्तित करना अर्थात सारी दुनिया में इस्लाम का राज्य कायम करना। यह उनके लिए अनिवार्य है, क्योंकि तब तक उन्हें जन्नत नसीब नहीं होगी और वह कब्र में पड़े रहेंगे।

इस्लाम की यह अवधारणा है कि जब सारी दुनिया में सब लोग मुसलमान हो जाएंगे तब अल्लाह व रसूल को लेकर धरती पर उतरेंगे और उस दिन तक कब्र में रहने वाले सभी मुसलमानों को इन्साफ मिलेगा, उन्हें जन्नत या जहन्नुम नसीब होगा।

अर्थात जब तब सारी दुनिया में दारूल इस्लाम नहीं होगा, तब तक यह कत्ल-ओ-गारत जारी रहेगा और दुनिया में कहीं भी शांति ना रहेगी।

आप जानते हैं वर्तमान में विश्व में 57 इस्लामिक देश हैं, सभी में वहाँ की मूल संस्कृति नष्ट हों चुकी है, जिस देश में इस्लाम गया, उसने वहाँ की संस्कृति भी नष्ट की।
क्या किसी भी जगह इस्लाम की जगह मूल्य संस्कृति में किसी देश की व्यवस्था लौटी, नहीं लौटी।

भारत विश्व में दार-ऊल-इस्लाम कायम करने का प्रमुख लक्ष्य है, इस हेतु किए जा रहे सभी इस्लामिक जिहाद की कोशिशें #गजवा_ए_हिंद हैं।

क्या है गजवा ए हिंद की अवधारणा? एक इस्लामिक हदीस में लिखा है कि-
“तुम्हारा एक लश्करे हिन्द से जंग करेगा । जिसमे मुजाहिदीन सभी बादशाहो को बेड़ियों में बांधकर लाएंगे, और वापसी लौटेंगे तो हजरत ईसा को स्याम (सीरिया) में पाएंगे । इस पर अबू हुरैरा का कहना है, कि यदि मेरी मौजूदगी इस गज़वा में हुई तो मेरी यह ख्वाहिश होगी कि में ईसा अलेह सलाम के पास जाऊ और उन्हें बताँऊ कि में आपका (पैगंबर) सहाबी हूँ । इस पर रसूल अल्लाह मुस्कुराते है, और कहते है बहुत मुश्किल,बहुत मुश्किल”

इस हदीस का कहना है कि ‘गज़वा-ए-हिन्द को तब मुकम्मल माना जायेगा । जब इज़राईल देश को नष्ट कर बैतूल मुक़द्दस पर पूरी तरह से मुस्लिमो का कब्ज़ा होगा साथ ही पूरी दुनिया में इस्लामी हुकूमत कायम हो चुकी होगी । उस समय एक बादशाह आएगा और अपने लश्कर के साथ भारत पर हमला कर ‘दारूल इस्लाम’ की स्थापना करेगा।

भारत की लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था, इनका सबसे बड़ा सोपान है और यह इस्लामिक कट्टरपंथी भारतीय लोकतंत्र को समझ कर भारत में गजवा ए हिंद की रूपरेखा बना रहे हैं। इस हेतु मुस्लिम आबादी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। यहाँ तहां हिन्दुओं की हत्याएँ कर उन्हें भयाक्रांत किया जा रहा है।

मुसलमानों को उन क्षेत्रों में बसाया जा रहा है जहाँ इनकी आबादी कम है, हम भारतीय दिवास्वप्न देख रहे हैं कि पाकिस्तान समाप्त होगा तो यह कांटा समाप्त हो जाएगा,
नहीं! पाकिस्तान देश नहीं – एक विचार है, पाकिस्तान खत्म हो जाएगा, किन्तु भारत में जगह-जगह जो पाकिस्तान बन चुके है, कश्मीर से केरल तक, पश्चिमी-बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, आसाम में तथा देश के प्रत्येक शहर में छोटे छोटे मुहल्लों के रूप में सीमावर्ती क्षेत्रों में, उनका क्या ?

अधिकाशं स्थानों पर व्यक्तिगत या छोटे-छोटे हमलों से हिन्दू आबादी को धकेलकर उसे स्थानों विशेष से बाहर करना, यह इस्लामिक कट्टरपंथियों की नीति है, कश्मीर से केरल तक इसके असंख्य उदाहरण है, उत्तरप्रदेश का कैराना की घटना, हमको स्मरण होगी।

भारत सरकार के पास इन आक्रमणों का कोई उपचार नहीं है, ना ही भारत की न्याय व्यवस्था के पास, जो ब्रिटिश कालीन कानूनों के सहारे ब्रिटिश भाषा (English) में ही आज तक अपने निर्णय दे रहीं है, उसे भारत की सामान्य जनता भारत की संस्कृति, इस्लामिक जिहाद, कुरान की पृष्ठभूमि को समझने और उसके अनुकूल निर्णय करने की फुर्सत ही नहीं है।

भारत की राजनैतिक व्यवस्था में मुसलमान एक सशक्त वोट बैंक है और यह उनके #गजवा_ए_हिंद का बड़ा हथियार है।

भारत की समस्त प्रचलित व्यवस्थायें इस्लामिक जाल में बुरी तरह फंस चुकी है, क्योंकि जो हथियार इस जाल को काट सकता है, उसे उठाने को ना तो राजनैतिक व्यवस्था तैयार है, ना न्याय व्यवस्था, ना धार्मिक नेता, ना सामाजिक संगठन।

जानते सब है, क्या हो रहा है और हम कहाँ जा रहे हैं और भविष्य में क्या होगा? अरशद मदनी जो बोल रहा है, वह गफलत की भाषा नहीं है, यही भाषा यहूदियों के विषय में भी बोली गयी थी, किन्तु यहूदी दृढ़ प्रतिज्ञ थे और हम !

अंत में एक बात और! हम 75 लाख वर्ग किलोमीटर से 33 लाख वर्ग किलोमीटर तक सिमट चुके हैं, कभी अफगानिस्तान में, पाकिस्तान में, बांग्लादेश में केवल हिन्दू ही थे। क्या यह क्षेत्र कभी हिन्दुओं के हो सकेंगे? और आज जहां से धकेले जा रहे हो, वहाँ वापिस हो पाओगे? कश्मीर में आई-कार्ड देख-देख कर मारे जा रहे हो।

आज जबकि जम्मू-कश्मीर केंद्र के अधीन है, हजारों सेना के जवान वहाँ लगे है और केंद्र में वो सरकार है जिसे आप और हम #राष्ट्रवादी_सरकार मानते हैं, इससे ज्यादा मजबूत सरकार आपके वोट से बन नहीं सकती और यह हालत बिना संघर्ष के सुलझ नहीं सकते।

भारत की दलित राजनीति को इनके एजेंडे में सहायक बनाने का षडयंत्र भी वामपंथियों की सहायता से चलाया जा रहा है, तब एक ही रास्ता है – सनातन संस्कृति को किसी भी कीमत पर बचाना और उसके लिए संघर्ष का संकल्प। हमको चाहिए हम एक बड़े आंदोलन के माध्यम से सरकार पर दबाब बनाये कि हिन्दुओं को हथियार रखने का जो अधिकार ब्रिटिश हुकुमत ने 1878 में अधिगृहित किया था, वो वापस हो।
~अशोक चौधरी
अध्यक्ष आहूति

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