शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम-बालयोगेश्वर शनिदेव महाराज

शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम-बालयोगेश्वर शनिदेव महाराज

डिजिटल भारत न्यूज़24x7LiVEसंवाददाता- दिनेश उपाध्याय-(ओबरा/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)

ओबरा सोनभद्र शनि को मनाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है। शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम होता है।यह बाते बालयोगेश्वर शनिदेव महाराज ने शनिमंदिर सेक्टर आठ स्थित शनिमंदिर में श्रध्दालु भक्तों के सम्मुख कही।महाराज जी ने कहा कि यह व्रत करने वाले को शनि प्रदोष के दिन प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनिदेव का पूजन करना चाहिए।माना जाता है कि अगर किसी भी जातक को भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना हो तो उसे प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा व्रती को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति करवाने के साथ-साथ पुत्र प्राप्ति का वर भी देते हैं।

इसके साथ ही अगर किसी खास दिन यह व्रत आता है तो उस दिन से संबंधित देवता का पूजन करना अतिलाभदायी माना गया है।इस दिन शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज,शिव चालीसा का पाठ तथा आरती भी करनी चाहिए।इस व्रत में प्रदोष काल में आरती एवं पूजा होती है।संध्या के समय जब सूर्य अस्त हो रहा होता है एवं रात्रि का आगमन हो रहा होता है उस प्रहार को प्रदोष काल कहा जाता है।ऐसा माना जाता है की प्रदोष काल में शिव जी साक्षात शिवलिंग पर अवतरित होते हैं और इसीलिए इस समय शिव का स्मरण करके उनका पूजन किया जाए तो उत्तम फल मिलता है। इसके साथ ही शनि प्रदोष होने के कारण शनि देव का पूजन करना अवश्य ही लाभदायी रहता है।

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