खेल-खेल में बच्चे इस तरह सीख सकते हैं कोडिंग

कोविड-19 महामारी के चलते भारत में शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का बेहद अहम रोल निकलकर सामने आया है। लॉकडाउन में स्कूलों के लिए एप्प बहुत काम आ रहे हैं। इन एप्प के ज़रिये बच्चों की क्लासेज़, असाइनमेंट्स, प्रेज़ेन्टेशन, आदि जैसे काम इसी एप्प पर हो रहें हैं। लेकिन आपको पता है सभी ऐप्स, वेबसाइट, गेम्स, आदि कोडिंग द्वारा ही बनाए जाते हैं। जहां यह काम आईटी के एक्सपीरियंस्ड लोगों द्वारा होता था, अब यह बच्चों का खेल हो गया है।

जी हां, अभी हाल ही में एक सात साल के बच्चे ने एक मोबाइल ऐपलिकेशन तैयार की है। और भी ऐसे कई कौशल बच्चे हैं जो कोडिंग के द्वारा गेम्स, ऐप्स, वेबसाइट्स, आदि बना रहें हैं। ऐसे में कोड मंकी जूनियर, कोडेबल, व्हाइटटेक जूनियर, टॉपर कोडर, वेदांतु सुपर किड्स, आदि जैसी एप्प हैं जो कि अभी से ही बच्चों को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में दो कदम आगे लेकर आ रहें हैं। और साथ ही उनका आने वाला भविष्य भी और उज्जवल बना रहें हैं। यह लर्निंग ऐप्स बच्चों को ऐप व गेम विकसित करने और रोबोटिक्स व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करने के लिए सक्षम बना रहा है। ऐसे में आप भी अपने बच्चों को इन ऐप्स के ज़रिये कोडिंग के लिए बच्चों का इंटरेस्ट डेवलेप कर सकते हैं।

 

चलिए विस्तार से जान लेते हैं उन ऐप्स के बारे में जहां हम अपने बच्चों को कोडिंग आसानी से सीखा सकते हैं-

यह एक फ्री कोडिंग एप्प है जो कि 4 साल से 11 साल तक के बच्चे के लिए बनाई गई है। इस एप्प पर छोटे-छोटे गेम्स और डिज़ाइनिंग के साथ कोडिंग सिखाई जाती है। यहां पर बच्चों का कोडिंग सीखना आसान हो जाता है। इसमें एक मंकी को पकड़ना होता है, जिसके ज़रिये मज़ेदार कोडिंग की जाती है। कोड मंकी जुनियर एंड्रॉयड और आईओएस प्लैटफॉर्म पर मौजूद है।

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