चाइल्ड हेल्पलाइन में डायल करके भी बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे बच्चे, 2018 में रिसीव कॉल्‍स से हुआ खुलासा

देश में साल 2018 से चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर, 1098 पर 40 फीसद ऐसी कॉल्स रिसीव की गई है, जो कि साइलेंट कॉल (silent calls) थी। साइलेंट काल से मतलब ऐसी काल्स से जहां पर बच्चों ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर फोन तो किया, लेकिन कुछ नहीं बोला। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी कॉल्स पर बच्चों का कुछ ना बोलना यही दर्शाता है कि इन बच्चों को मदद की जरुरत है, लेकिन वह किसी भी प्रकार की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए साहस नहीं जुटा पाए।

595 जिलों के साथ 135 रेलवे के चाइल्ड डेस्क

अधिकारियों ने बताया कि इन कॉल्स को रिसिव करते हुए किसी भी बच्चे की आवाज नहीं सुनाई दी लेकिन, पीछे बैकग्राउंड की आवाज सुनी गई है। उन्होंने बताया कि चाइल्ड लाइन 1098 एक राउंड द क्लॉक हेल्पलाइन नंबर है, जो कि 595 जिलों के साथ 135 रेलवे के चाइल्ड डेस्क बच्चों की मदद करता है।

उन्होंने बताया कि 86 लाख कॉल्स साइलेंट कॉल्स थे। अधिकारियों ने बताया कि कई कॉल्स पर सामने वाले ने काउंसलिंग पाने के बाद बातचीत की और कभी-कभी तो एक ही नंबर से कई बार कॉल्स आई, लेकिन किसी ने भी कुछ नहीं बोला, लेकिन इस नंबर से कई बार कॉल्स करने के बाद 101 नंबर पर किसी ने बात की। इसके बाद उन्होंने बताया कि हालांकि साइलेंट कॉल्स में पिछले तीन सालों में कमी आई है।

अधिकारी ने इसे बारे में आंकड़ा शेयर करते हुए बताया कि वर्ष 2018 में 1.01 करोड़ कॉल्स में से 42 लाख या 42 फीसद साइलेंट काल्स थे, जबकि 2019 में, 69 लाख कुल कॉल्स में से 27 फीसद या 39 फीसद डेटा के अनुसार साइलेंट कॉल्स थे। वहीं साल 2020 में सितंबर तक 16 लाख या 43 लाख कॉल्स में से 36 फीसदी कॉल साइलेंट कॉल थे।

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