बिना रुकावट 50 हजार उपभोक्ताओं को मिलेगी बिजली

सोनभद्र : जिले के पचास हजार उपभोक्ताओं को जल्द ही बिना रुकावट बिजली मिलेगी। इसके लिए म्योरपुर ब्लाक के किरविल में 220 केवी का विद्युत उपकेंद्र बनाया जाएगा। इसके निर्माण में 154 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मार्च 2022 तक निर्माण कार्य पूरा कर उपकेंद्र को चालू कर देना है। निर्माण करने के लिए कंपनी को अधिग्रहित कर लिया गया है। राब‌र्ट्सगंज के छपका के बाद जिले में यह दूसरा बड़ा उपकेंद्र है। इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकेगी।

दुद्धी तहसील के उपभोक्ताओं को अघोषित विद्युत कटौती व लो-वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ता था। ग्रामीणों की तरफ से लगातार इसकी शिकायत बिजली विभाग से की जा रही थी। भरपूर बिजली न मिलने से वे अपना काम नहीं कर पाते थे। उनकी समस्याओं को देखते हुए बेहतर आपूर्ति करने के लिए शासन को उपकेंद्र बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था। इसको देखते हुए उपकेंद्र बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। म्योरपुर ब्लाक के किरविल में बनने वाले 220 केवी के उपकेंद्र से आठ फीडर के 50 हजार उपभोक्ता जुड़ेंगे। पहले इन फीडरों के उपभोक्ताओं को पिपरी उपकेंद्र से बिजली मिलती थी। काफी दूरी होने व जंगल के रास्ते तार जाने पर किसी जगह लाइन में खराबी आ जाने पर उसको सही कराने में कई दिनों का समय लग जाता था। इससे उपभोक्ताओं को कटौती व लो-वोल्टेज का दंश झेलना पड़ता था। अब नया उपकेंद्र बनाए जाने से इन उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकेगी। इससे पहले जिले में मात्र छपका में ही 220 केवी का उपकेंद्र बना है। बाकी 132 केवी के चार इसमें छपका, पसहीं, डाला, बीना है।

पकेंद्र से जोड़े जाएंगे यह आठ फीडर

किरविल में बनने वाले 220 केवी के उपकेंद्र से आठ फीडरों को जोड़ा जाएगा। इसमें दुद्धी, अमवार, घेवहीं, नधिरा, बभनी, बीजपुर, कुंडाडीह, खड़पाथर फीडर शामिल हैं। पहले इन फीडरों को पिपरी उपकेंद्र से बिजली मिलती थी। ओबरा थर्मल पावर से जोड़ी जाएगी लाइन

म्योरपुर ब्लाक के किरविल में बनने जा रहे 220 केवी के उपकेंद्र को ओबरा थर्मल पावर से लाइन जाएगी। इसके यहां से फीडरों के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की जाएगी। इस उपकेंद्र के बनने से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।

.. अधिाकरी ..

220 केवी का उपकेंद्र किरविल में बनेगा। इसके लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा है। मार्च 2022 में उपकेंद्र को बनाकर चालू कर दिया जाएगा।

-अशोक मौर्य, एक्सईएन ट्रांसमिशन।

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विद्युत उपकेंद्र बनने से आठ फीडरों के जुड़े 50 हजार उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज व कटौती से निजात मिल सकेगी।

-शुभेंदू शाह, एक्सईएन पिपरी विद्युत वितरण खंड।

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