एनसीएल के सीएमडी को प्रोडक्टविटी साइंस का फेलोशिप

संवाददाता-संतोष सिंह सा-संपादक (ओबरा/सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश)
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अनपरा (सोनभद्र) : दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित व‌र्ल्ड कान्फ्रेंस ऑफ प्रोडक्टविटी साइंस में फेलोशिप के लिए एनसीएल के सीएमडी प्रभात कुमार सिन्हा चुने गए हैं। यहां पर सिन्हा ने एनसीएल के सर्वागीण व सतत विकास मॉडल व आरएंडडी सेंटर पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने भविष्य व वर्तमान में खनन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एनसीएल में साइंस एंड एप्लाइड रिसर्च एलाइंस एंड सपोर्ट (सारस) की स्थापना के बारे में जानकारी दी। सारस के पहले भाग में अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना है, जिसके लिए आइआइटी (बीएचयू) से एमओयू किया गया है। दूसरे में आरएंडडी सेंटर को तकनीकी सहायता सुनिश्चित करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना। तीसरे में कंपनी के तकनीकी ढांचे में निरंतर सुधार, जिसमें सीईटीआइ व सीडब्ल्यूएस का अपग्रेडेशन शामिल है। चौथे में तकनीकी प्लेटफार्मो से सबको एकीकृत करना शामिल है। खुली कोयला खदानों के प्रतिकूल परिस्थितियों में किए जाने वाले ओवर बर्डेन (ओबी) डंप प्रबंधन के तौर-तरीकों से जुड़ी बेहतरीन केस स्टडी लिखने के लिए हाल ही में माइनिग क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्था एमजीएमआइ ने उन्हें सम्मानित किया था। सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसई) का नेतृत्व करते हुए राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दिलाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित इंडियन चेंबर ऑफ कामर्स (आइसीसी) पीएसई एक्सीलेंस अवार्ड से भी नवाजे गए हैं। सिन्हा ने दिसंबर 2017 में एनसीएल में सीएमडी कार्यभार संभाला था। उनके नेतृत्व में एनसीएल ने 100 मिलियन टन का लक्ष्य पार किया।

वैश्विक कोयला उद्योग की व्यापक समझ रखने वाले सिन्हा आस्ट्रेलिया, पोलैंड, इस्तांबुल (टर्की), अमेरिका के लासवेगास में आयोजित कांफ्रेंसों में भारतीय कोयला उद्योग की नुमाइंदगी कर चुके हैं। कोयला उद्योग की वैश्विक बारीकियों से अवगत होने के लिए वे स्वीडन, स्विट्जरलैंड एवं जर्मनी का दौरा भी कर चुके हैं। कोयला उद्योग से जुड़े वृहद विषयों पर वह विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर टेक्निकल पेपर प्रेजेंट कर चुके हैं।

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