कोरोना जैसे महामारी में कोटेदारों द्वारा किया जा रहा किरौना जैसा काम

कोरोना जैसे महामारी में कोटेदारों द्वारा किया जा रहा किरौना जैसा कामकोरोना जैसे महामारी में कोटेदारों द्वारा किया जा रहा किरौना जैसा काम

अर्जुन सिंह चोपन ब्लाक ब्यूरो चीफ(चोपन/सोनभद्र/उत्तर प्रदेश)
भारत सरकार के निर्देशानुसार 1 अप्रैल से चोपन बिकाश खंड के डाला में शहरी व ग्रामीण कोटेदारों द्वारा राशन वितरण शुरू हो जाने से ग्रामीणों को बड़ी राहत के आसार मिले । परन्तु क्षेत्र के सैकड़ो ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा कि 5 यूनिट के कार्ड पर हमें 3 यूनिट का राशन देते है । ऐसी प्रतिक्रिया से परेशान ग्रामीणों ने जिलापूर्ति अधिकारी को शिकायत किया । जिसमे जांच के लिए सप्लाई इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार 2 अप्रैल को दिन भर जांच करते रहें। वहीं ग्रामीण शिवकुमारी देवी पत्नी बृजबिहारी सिंह का आरोप है कि 6 यूनिट कार्ड पर 5 किलो राशन दिया जाता है लल्लू पत्नी सविता का आरोप है कि मेरा राशन कार्ड 2 यूनिट का है और हमे 5 किलो राशन मिलता है। ग्रामीण छोटेलाल पत्नी लीलावती का आरोप है कि मेरा 6 महीने से राशन नही दिया जाता है । फिरभी पेपर पर राशन उठान दर्शा दिया गया है। इसका महज एक कारण है कि बहुत से गरीब परिवार के राशन कार्ड में उनके परिवार के नाम के साथ अन्य भी नाम सम्मिलित कर दिए गए है । और उन्ही के लोगों द्वारा राशनकार्ड मशीन में अंगूठा लगवाया जाता है। जिसमे डाला से सम्बन्धी कुछ शहरी व ग्रामीण कोटेदार सम्मिलित है ।
इस सम्बंध में सम्बंधित कोटेदार का कहना है कि हम सभी को राशन उठान के समय ही कम दिया जाता है । हर बोरे में 2 से 3 किलो अनाज कम मिलता है। कुछ राशन काटना हमारी मजबूरी है । हम सभी कर भी क्या सकते है ।
ऐसे में कौन सही कौन गलत का निर्णय कौन करें
जहां कोरोना जैसी महामारी में सरकार द्वारा सुविधाएं दी जा रही है वही गलाघोटु की बीमारी भी इन कोटेदारों द्वारा पैर पसार रहा है ऐसे में भला ग्रामीण कहां जाय।
इस सम्बंध में जिलापूर्ति अधिकारी राकेश तिवारी जी ने बताया कि जाँच की जा रही है सभी दोषी कोटेदारों पर F.I.R. कराया जाएगा।

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