देहदान कर्तव्य संस्था के कार्यकर्ता यूक्रेन से वापिस आये छात्र ऋत्विक वार्ष्णेय आर्य के परिजनों से मिले 

देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार 

 भारत सरकार के अथक प्रयास से संस्था के सक्रिय सदस्य व समाज सेवी 

डॉ विश्वमित्र आर्या के 

सुपुत्र ऋत्विक वार्ष्णेय आर्या यूक्रेन के युद्ध से निकल कर सुरक्षित अपने घर वापिस आने पर मिलने वालों का तांता लगा हुआ है । 

देहदान कर्तव्य संस्था के सभी कार्यकर्ता डॉ एस के गौड़ , प्रमुख समाजसेवी श्री राजाराम मित्र , भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , डॉ राजकुमार द्विवेदी व अन्य सदस्य आदि ने यूक्रेन से सकुशल लौटे ऋत्विक वार्ष्णेय आर्य के पिताजी डॉ विश्वमित्र आर्य से मुलाकात कर हालचाल पूंछे व शुभकामनाये दी । 

इस अवसर पर श्री राजाराम मित्र ने भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ऑपरेशन गंगा के सफल अभियान पर बधाई देते हुए कहा कि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है , मोदी को अवतारी पुरुष बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जी के कारण ही यह खुशियां आज हम सब को मिल रही हैं । 

     संस्था उनके स्वस्थ, दीर्घायु की हार्दिक कामना करती है व भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करती है। 

देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हम नरेंद्र मोदी जी के बहुत ही आभारी हैं जो इतनी विषम परिस्थितियों में भारतीय छात्रों को सकुशल स्वदेश वापस ला रहे हैं । 

प्रमुख समाजसेवी व देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इन सभी छात्रों की शेष शिक्षा भी पूर्ण कराने में पूरे मनोयोग से कार्य कर रहे हैं । भुवनेश आधुनिक ने मोदी जी से आग्रह किया है कि विश्व युद्ध का डर अभी भी लगा हुआ है अतः यूक्रेन के बाद रूस व उसके आसपास के देशों से भी भारतीय छात्रों व भारतीय नागरिकों को शीघ्र ही वापस लाने की व्यवस्था प्रारम्भ हो जानी चाहिए । साथ ही अनुरोध किया कि चिकित्सा सम्बन्धी शिक्षा को भारत मे ही सस्ती व सुगम करने की अति शीघ्र व्यवस्था बननी चाहिए जिससे भारतीय छात्रों को बाहर विदेश जाने की आवश्यकता ही न हो । जो पैसा विदेश जाता है वह भारत मे ही काम आएगा । 

     देह दान कर्त्तव्य संस्था के प्रतिनिधि मंडल में डॉ एस के गौड़ , राजाराम मित्र , भुवनेश आधुनिक , हितेश छावड़ा , डॉ राजेन्द्र द्विवेदी , डॉ डी के वर्मा , विवेक अग्रवाल आदि ने डॉ विश्वमित्र से मुलाकात की! 

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