मुंबई : दो प्रेमियों की कहानी में नया देखने को मिला है । कहा जाता है कि एक लड़का और लड़की आपस में बहुत प्रेम करते थे जो कि लड़के की आयु 20 वर्ष और लड़की की 16 वर्ष है इसको लेकर भारत में चर्चा का बहुत बड़ा मुद्दा खड़ा हो गया है।
लड़की नाबालिग होते हुए भी पोस्को कोर्ट ने दी इजाजत, कोर्ट ने कहा है कि “प्रेम” संबंध में है , वह अपने भविष्य को स्थिर और सुरक्षित करने का हकदार है।
पोस्को अदालत ने मुंबई के रहने वाले एक छात्र को जमानत दे दी है, स्कूली छात्र अपनी प्रेमिका को लेकर भाग गया था। जब लड़की वालों को पता चला तो लड़की के माता- पिता ने नाबालिग लड़की को लेकर अपहरण और बलात्कार का आरोप लगा दिया था।
कहा जाता है कि आरोपी 21 वर्षीय लड़के ने 30 दिन जेल में बिताए थे। पोक्सो कोर्ट ने अपने फ़ैसले में जमानत दे दी । पोस्को कोर्ट का नया बयान आया है . “वर्तमान मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का पुराना आदेश पूरी तरह से लागू होता है ।
केवल इसलिए प्रेम संबंध में सहमति नहीं है । साफ़ शब्दों में कहा कि 21 साल के आरोपी को जेल में रखना उचित नहीं था , कोर्ट ने साफ़ कह दिया उसकी आपराधिक प्रष्ठभूमि भी नहीं रही है ।
बॉम्बे उच्च न्यायलय ने इसी प्रकार देखा कि सेक्सुअल दिजायर्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होती हैं। किशोरों के सेक्सुअल बिहैविरियल पैटर्न के संबंध में कोई मैथमेटिकल फार्मूला नहीं हो सकता है।
बॉम्बे उच्च न्यायलय ने कहा था कि जब एक लड़का और एक नाबालिग लड़की प्यार में होते हैं और अपने माता – पिता की सहमति के बिना एक साथ रहने का फैसला करते हैं, तो इसे में आवेदनों पोअर निर्णय लेट ए समय कई कारकों पर विचार किया जाना चाहिए।