भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही मंदिर प्रांगण में तुलसी पूजन की आड़ में मनाया था क्रिसमस

अलीगढ़ :  25 दिसंबर को अलीगढ़ से मंदिर प्रांगण में तुलसी पूजन दिवस की आड़ में क्रिसमस मनाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जिसका सनातन प्रतिभा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णभक्त अभिषेक सक्सैना ने विरोध किया था तो आयोजक महिलाओं ने उन्हें ही झूठे आरोप लगाकर जेल भेजने की धमकी देते हुए| उनके साथ बदसलूकी की थी। आज हिन्दूवादी नेता अभिषेक सक्सैना का एक बयान आया है| जिसमें उन्होंने कहा है कि श्रीमातृ शक्ति मंदिर, अचल ताल अलीगढ़ के प्रांगण में तुलसी पूजन की आड़ में क्रिसमस मनाने वाली महिलाएं कोई और नहीं बल्कि भाजपा की महिला मोर्चा की पदाधिकारी और कार्यकर्ता थी जिनका सम्बन्ध भाजपा की वरिष्ठ पदाधिकारी से है। अपने बयान में अभिषेक सक्सैना ने कहा कि जिस कार में आयोजक महिलाएं बैठकर आयी थी उस पर भी भाजपा का स्टीकर लगा हुआ था। आगे उन्होंने कहा कि मैं भाजपा विरोधी नहीं और ना ही मेरा किसी अन्य राजनीतिक पार्टी या संगठन से भी कोई लेना देना है मैं एक राष्ट्रवादी समाज सुधारक सनातनी योद्धा हूँ| जिसकी प्राथमिकता राष्ट्र और सनातन धर्म के हित में हैं। यदि भाजपा अपने आप को एक हिंदुत्ववादी पार्टी कहती हैं| तो उन्हें ऐसा नेताओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए। क्यूंकि जब भाजपा नूपुर शर्मा जैसी शेरनी बहन को पार्टी से निष्कासित कर सकती है, टी राजा जैसे सनातनी योद्धा को पार्टी से निष्कासित कर सकती है तो उन्हें इन जैसी ईसाई मिशनरी विचारधारा वाली नेताओं के मुद्दे पर भी अपनी विचारधारा साफ करनी चाहिए कि वो इन महिलाओं के विरोध में है या समर्थन में। यह लड़ाई हिन्दुओं को हिन्दुओं के विरूद्ध लड़वाने की नहीं साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई है उचित और अनुचित के बीच। धर्म और अधर्म के मध्य है, यदि अधर्म का विरोध केवल चेहरा देखकर ही किया जाएगा तो ऐसा विरोध मुझसे नहीं हो पाएगा। महाभारत के युद्ध के समय भी ऐसी ही धर्मसंकट की परिस्थितियां उत्पन्न हुईं थीं तब योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवतगीता का अद्भूत ज्ञान देकर अर्जुन का मार्गदर्शन किया|

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