प्रदेश में हर साल लू से प्रभावित तमाम लोगों की हीट स्ट्रोक व अन्य परिस्थिति में मृत्यु हो जाती है। लू से प्रभावित रोगियों की पहचान तक नहीं हो पाती। मृत्यु का कारण भी लू दर्ज नहीं किया जाता।
नतीजतन, मृतकों एवं परिवार को सरकार द्वारा आर्थिक राहत नहीं नहीं मिल पाती।लिहाजा, योगी सरकार ने इस बार लू प्रभावतियों की पहचान कर इनसे हुई मृत्यु को दर्ज कराने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश भी दिए हैं|
शासन ने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए हैं कि लू प्रभावितों की पहचान की जाए और इनसे हुई मृत्यु व मृतकों की पूर्ण जानकारी प्राप्त की जाए। साथ ही प्राप्त हुई सूचना और गलत रिपोर्टिंग को सत्यापित किया जाए।
साथ ही विशेष स्थान तथा समय के अधिकतम तापमान को भी दर्ज किया जाएगा। रोग संबंधी घटनाओं का विवरण, पंचनामा तथा दूसरे गवाहों या प्रमाणों के साथ वर्बल आटोप्सी दर्ज की जाएगी। जरूरी हुई तो पोस्टमार्टम व चिकित्सीय जांच की रिपोर्ट सुरक्षित रखी जाएगी।
स्थानीय अधिकारी या निकाय द्वारा पूछताछ व सत्यापन रिपोर्ट भी तैयार होगी। उक्त प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मृतक परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।