पते की बात : टुकड़े टुकड़े…पाकिस्तान

पते की बात : टुकड़े टुकड़े…पाकिस्तान

पाकिस्तान टुकड़े-टुकड़े होने की हालत में पहुँच गया है। अफगानिस्तान की सीमा पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तानी फौज के छक्के छुड़ा रखे हैं, उन्होंने वहाँ दो प्रांत बनाकर कर सरकार भी घोषित कर दी है, बलूचिस्तान में हालात बहुत खराब है, वहाँ हिंसक विद्रोह चरम पर है, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गिलगित बाल्टिस्तान के हजारों लोग निरन्तर आंदोलनरत हैं और भारत के साथ पुनर्मिलन की मांग कर रहे हैं, पाकिस्तान में रिज़र्व फंड समाप्त हो गए है, आटे के लिए मारामारी हो रहीं है , पेट्रोल समाप्त हो रहा है। अपनी राजनैतिक अस्थिरता के कारण पाकिस्तान गृहयुद्ध की कगार पर है।

यह तो होना ही था क्योंकि पाकिस्तान एक देश नहीं, एक महान राष्ट्र भारत का साम्प्रदायिक आधार पर किया गया प्रतिक्रियात्मक विभाजनकारी अंश है, जिसको भारत की विकास गति को प्रभावित करने को ब्रिटिश सरकार व अमेरीका ने षडयंत्र पूर्वक बनाया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रियावादी प्रवृति के कारण ही 1971 में इसका विभाजन हुआ और बांग्लादेश अस्तित्व में आया, आज यह पुनः टुकड़े – टुकड़े होने की कगार पर है।

समान्य धारणा है कि भारत विभाजन का कारण मुस्लिम लीग और जिन्ना थे, वास्तविकता यह है कि कॉंग्रेस – मुस्लिमलीग – गाँधी और जिन्ना सभी अंग्रेज सरकार के ही उत्पाद थे और यही भारत विभाजन के मुख्य कारक भी थे।

भारत विभाजन का ब्लू प्रिंट #सैयद_अहमद व ब्रिटिश हुकुमत ने संयुक्त रूप से तैयार किया था। जिसका आधार था कि अगर अखंड भारत एक सार्वभौमिक राष्ट्र बन गया तो यह सारे विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक व सामरिक महाशक्ति बन जाएगा, इसीलिए शनैः शनैः भारतीय महाद्वीप का विभाजन किया गया ।

अंग्रेजों ने सन् 1904 में नेपाल को आजाद देश घोषित कर दिया, अफगानिस्तान को एक बफर स्टेट बनाकर अगस्त 1919 को इससे भारत से अलग कर दिया गया। इसके बाद वर्मा ( वर्तमान म्यामांर)
1937 में ब्रिटिश भारत से वैधिक रूप से अलग किया गया और ब्रिटिश सरकार ने शेष भारत के विभाजन के लिए इस्लाम में वर्णित गैर मुस्लिमों के प्रति हिंसा की मानसिकता का सहारा लिया गया।

आपको जानना चाहिए कि गांधी ने सदैव मुसलमानों का पक्ष लिया और जिन्ना जो इस्लाम के विषय में कुछ नहीं जानता था यकायक मुसलमानों का नेता बना दिया गया जो केवल अंग्रेजी भाषा जानता था।

यह आश्चर्यजनक किन्तु सत्य है कि जलियांवाला कांड, खिलाफत आंदोलन, महाशय राजपाल जी की हत्या, सरदार भगतसिंह सिंह की हत्या, बंगाल का अकाल, डायरेक्ट एक्शन डे, भारत विभाजन के दौरान हुई हिंसा जिसमें लाखों हिन्दू मारा गया कभी हिन्दुओं का पक्ष नहीं लिया और विभाजनकारी के बाद भी मुसलमानों का पक्ष ही लेते रहे।

पाकिस्तान का जन्म का आधार हिन्दुओं के प्रति मुसलमानों की घृणा को बनाया गया और वही घृणा आज पाकिस्तान के पतन का कारण बन रही है।

एक भारतीय के नाते पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति पर हम खुश है और खुशी इस बात की है कि भारत का एक स्थायी शत्रु ज़मीदोज हो रहा है, जिसको संभालने के लिए भारत ने हजारों जवानीयाॅ बलिदान कर दी और खरबों रुपये बर्बाद हो गये। एक कारण यह भी है कि हम हिन्दू जो #सिंधु_घाटी ki सभ्यता के कारण पहचाने जाते हैं, वह आज पाकिस्तान में है। जिसको पाना प्रत्येक भारतीय का धर्म होना चाहिए। अब हम उसको पा सकते हैं क्योंकि विश्व पटल पर कोई धर्म-अधर्म की नैतिकता-अनैतिकता को नहीं समझता, जो शक्तिशाली है, जो विजयी है,वही श्रेष्ठ होता है।

और एक महत्वपूर्ण बिंदु और है कि विश्वभर में कट्टरपंथी मुस्लिम देशों से पैसे लेकर आतंकवाद परोसने वाले एकमात्र केंद्र का पतन हो जाएगा और यह सब भारत के उज्जवल भविष्य की आधारशिला बनेगी, यह विश्वास है।
~अशोक चौधरी
अध्यक्ष – आहूति

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