चाइल्डलाइन ने खोजा दिव्यांग बालक का पता।
अलीगढ़ उड़ान सोसायटी द्वारा संचालित चाइल्डलाइन को थाना अकराबाद के माध्यम से नौ वर्षीय एक दिव्यांग बालक प्राप्त हुआ जो कुछ भी बोलने सुनने में असमर्थ था। बालक के पास एक स्कूल बैग था जिसमें कक्षा तीन की सरकारी स्कूल की पुस्तकें व कुछ कॉपी रखी हुई थी।
चाइल्डलाइन के निदेशक ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने जब बालक का स्कूल बैग खोजा तो उसमें एक हिसाब की कॉपी रखी हुई थी जिसमें नगला खजांची लिखा हुआ था। इसके उपरांत ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने नगला खजांची गांव इंटरनेट पर खोजा तो वो गांव पारोरी के माजरे के रूप में ब्लॉक अकराबाद में दिखा रहा था। ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने अपनी परिचित शिक्षिका ज्योति शर्मा से संपर्क किया जो ननाऊ में अध्यापन कार्य कर रही है। उनके माध्यम से परोरी के रहने वाले शिक्षामित्र पवन से संपर्क हुआ जिन्होंने बालक को पहचान लिया । इसके बाद बालक के परिजनों से संपर्क हो सका। बालक की मां ने बताया कि वो अपनी रिश्तेदारी में जनपद एटा के गांव नादरमई गई हुई थी। घर पर बड़े भाई ने बालक की पिटाई कर दी तो वो अपना स्कूल का बस्ता लेकर घर से निकल आया।
किसी तरह अकराबाद पुलिस को बालक मिल गया जिन्होंने बालक को चाइल्डलाइन की सुपुर्दगी में दे दिया। बालक की मां को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर परिजनों को सुपुर्द करने की कार्यवाही की जाएगी। बालक के पिता ट्रक ड्राइवर हैं और वर्तमान में गोरखपुर में हैं।